-एलएलएम ने बीएचयू स्थित सेंट्रल ऑफिस के सामने की आत्मदाह की कोशिश

-फीस जमा न कर पाने और कम उपस्थिति की वजह से नहीं मिला परीक्षा प्रवेश पत्र

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कम उपस्थिति व फीस जमा न होने पर बीएचयू प्रशासन की ओर से प्रवेश पत्र रोके जाने से नाराज एलएलएम के स्टूडेंट सचिन श्रीवास्तव ने गुरुवार को आत्मदाह करने की कोशिश की। कैंपस स्थित सेंट्रल ऑफिस के सामने उसने खुद पर मिट्टी का तेल उडे़ल लिया। आग जलाने के लिए जैसे ही माचिस की तीली निकाली उसके साथी प्रशांत त्रिपाठी की नजर पड़ गई। उसने दौड़ कर उसे रोक लिया। समझाने-बुझाने में प्रशांत की भी परीक्षा छूट गई।

फीस जमा नहीं कर पा रहा था छात्र

आत्मदाह की कोशिश करने वाले एलएलएम के इस छात्र का एडमिशन पेड सीट कैटेगरी में हुआ था। रुपये न होने के कारण वह फीस नहीं जमा कर पा रहा था। बीएचयू के विधि की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए कक्षाओं में 80 फीसद उपस्थिति अनिवार्य है। छात्र का कहना है कि मेरी उपस्थिति 76 परसेंट थी। महज चार परसेंट उपस्थिति कम है। आरोप लगाया कि 36 परसेंट उपस्थित रहने वाले छात्रों को भी प्रवेश पत्र दे दिया गया है। कहा कि पैसे की कमी के कारण शुल्क नहीं जमा कर सका। जिसके चलते प्रवेश पत्र देने से मना कर दिया गया। इसके चलते 26 नवंबर से शुरू होने होने वाली उसकी परीक्षा छूट गई।

दोस्त ने की मदद

सचिन श्रीवास्तव की परेशानी को जानने के बाद प्रशांत ने दस हजार रुपये की मदद की। वहीं प्रो। आरपी सिंह ने भी फीस जमा करने के लिए पांच हजार रुपये दिया। देवरिया हाटा, नदौली निवासी सचिन दो भाई हैं। एक भाई प्राइवेट नौकरी करता है। चार वर्ष की उम्र में ही उसके सिर से पिता का साया उठ गया था। ऐसे में 15 हजार रुपये एक मुश्त शुल्क जमा संभव नहीं हो रहा था। इस बाबत बीएचयू के एपीआरओ डॉ राजेश सिंह ने कहा कि वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी गरीब प्रतिभावान स्टूडेंट की पढ़ाई धनाभाव में न रुकने पाए। आर्थिक रूप से कमजोर होनहार छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की निशुल्क व्यवस्था है।