- परीक्षा नियंत्रक से आईटी ग‌र्ल्स कॉलेज की छात्राओं ने की शिकायत

- कई संस्थाओं में सामने आया मामला

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में इस बार पीजी कोर्सेस के मूल्यांकन में गड़बड़ी की बात सामने आई है। खासतौर पर साइंस स्ट्रीम की मार्किंग में काफी गड़बडि़यां सामने आई हैं। जिसकी वजह से साइंस में काफी संख्या में स्टूडेंट्स फेल हो गए। एमएससी में तो एक-एक बैच में आधे स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। इसको लेकर मंडे को यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर से आईटी कॉलेज की एमएससी जूलॉजी की छात्राओं ने म लाकात की।

46 छात्राओं में से महज सात पास

आईटी कॉलेज के एमएससी जूलॉजी में कुल 46 छात्राएं हैं जिसमें से महज 7 छात्राएं ही क्लीयर पास हुई। जबकि 18 छात्राओं का बैकपेपर आया है और 19 छात्राएं फेल हो गई हैं। ऐसे में छात्राओं ने परीक्षा नियंत्रक प्रो। एके शर्मा से मुलाकात कर रिजल्ट पर आपत्ति जताई और इसे रिव्यू कराने को कहा। हालांकि परीक्षा नियंत्रक ने छात्राओं को आरटीआई लगाने की सलाह दी। चूंकि यूनिवर्सिटी में रिजल्ट रिव्यू करने का कोई सिस्टम नहीं है।

दूसरे विषयों का भी ऐसा ही कुछ हाल

इस बार एलयू के पूरे पीजी कोर्स के रिजल्ट का यही हाल है। साइंस के लगभग सभी विषयों में रिजल्ट खराब आया है। इसमें बॉटनी, फिजिक्स, जियोग्राफी समेत अन्य कई विषयों का रिजल्ट शामिल है। इसमें आधे छात्रों की या तो बैक है या फेल हैं। इसमें भी ज्यादातर फ‌र्स्ट सेमेस्टर के ही स्टूडेंट्स हैं। इनकी मार्किंग भी इस बार औसत ही है। ज्यादातर स्टूडेंट्स को लगभग एक जैसे ही अंक दिये गए हैं। अब छात्राओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में इस बार कॉपियां ठीक से नहीं चेक की गई हैं। एमएससी जूलॉजी की छात्राओं ने बताया कि मुझे साइटोजेनेटिक्स के पेपर में एक मा‌र्क्स दिया गया है। अब थ्योरी के पेपर में 70 में से एक मा‌र्क्स मिलने का कोई मतलब ही नहीं है। यह मामला केवल आईटी ग‌र्ल्स कॉलेज में ही नहीं, रजत ग‌र्ल्स कॉलेज, एलयू और कई संस्थाओं में सामने आया है।

पेपर दिया मॉलिकुलर बायोलॉजी का रिजल्ट आया साइटोजेनेटिक्स

इस बार रिजल्ट में कई स्टूडेंट्स के तो विषय ही बदल दिये गए हैं। उन्होंने पेपर किसी और विषय का दिया जबकि उनका रिजल्ट आया तो मार्कशीट में कोई और विषय ही चढ़ा हुआ है। आईटी कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि मैंने पेपर सेल एंड मॉलिकुलर बायोलॉजी का दिया था, लेकिन जब मार्कशीट आई तो उसमें साइटोजेनेटिक्स के मा‌र्क्स चढ़े हैं। जबकि यह विषय लिया ही नहीं था। इसी तरह इलेक्टीव पेपर में हम लोगों ने बायोटेक्नोलॉजी लिया था और उसी का पेपर दिया था जबकि रिजल्ट में हेल्थ और फिटनेस के मा‌र्क्स दिये गए हैं। ऐसा एक दो छात्राओं के साथ नहीं बल्कि सैंकड़ों की संख्या में छात्राओं का रिजल्ट इस बार खराब आया है। इसकी शिकायत भी छात्राओं ने परीक्षा नियंत्रक से की तो उन्होंने कहा कि ये प्रिंटिंग की गलती है इसमें सुधार कर दिया जाएगा।