-16 सितम्बर से शुरु हुए हैं बैक एग्जाम

-जल्दी रिजल्ट निकालना होगा चुनौती

-कई छात्रनेताओं को देना है एग्जाम

-लास्ट इयर 26 नवम्बर को हुआ था इलेक्शन

ALLAHABAD: अब यह तय हो चुका है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन 2014-15 सितम्बर माह में नहीं होगा। इसके अक्टूबर माह में होने के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन, अक्टूबर में इलेक्शन हो पाएगा इसमें भी संदेह है। सबसे बड़ा रोड़ा वर्तमान समय में चल रहा बैक का एग्जाम है। फिलहाल तो चर्चाओं का दौर जारी है और संभावना जताई जा रही है कि एग्जाम आगे नवंबर में शिफ्ट हो सकता है।

बैक एग्जाम का रिजल्ट होगा टर्निग प्वाइंट

ट्यूजडे दोपहर साढ़े बारह बजे छात्रसंघ भवन पर कुछ छात्र जमा थे। उनके बीच स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन को लेकर चर्चा चल रही थी। छात्र सितम्बर में इलेक्शन न होने की सम्भावना को देखकर निराश थे। इतने में एक ने कहा कि अरे, सितम्बर में न सही अक्टूबर में तो होगा ही। इसपर एक दूसरे छात्र ने अपना तर्क रखते हुए कहा कि अक्टूबर में भी इलेक्शन की सम्भावना कम ही है। इस छात्र ने ठोस तर्क देते हुए कहा कि बैक एग्जाम के रिजल्ट पर डिपेंड करेगा कि इलेक्शन कब होगा। अभी तक अक्टूबर में चुनाव की कयासबाजी को लेकर प्रफुल्लित नजर आ रहे छात्र की भविष्यवाणी से अवाक थे। वजह वाजिब भी थी। पूरी चर्चा के केन्द्र में बैक एग्जाम जो आ चुका था। छात्र का कहना था कि कई छात्रनेता ऐसे हैं जिन्हें इलेक्शन लड़ना है लेकिन उन्हें बैक एग्जाम भी देना है। रिजल्ट नहीं आएगा तो वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। छात्र ने यह भी तर्क दिया कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज को मिला लें तो इस एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी हजारों में है। इन्हें बिना मतदाता सूची में शामिल किए इलेक्शन कैसे हो सकता है।

लास्ट इयर उठी थी डिमांड

लिंगदोह समिति की सिफारिशों में कहा गया है कि प्रत्याशी जिस वर्ष में चुनाव लड़ेगा उस वर्ष में न तो वह विश्वविद्यालय की किसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुआ हो तथा न ही उसके पास कोई अकादमिक अवशेष हों। ऐसे में बैक एग्जाम देने वाला प्रत्याशी चुनाव तभी लड़ पाएगा जब वह इस एग्जाम में पास हुआ हो। पूर्व के वर्षो में भी चुनाव लड़ने से पहले बैक एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स ने जल्दी रिजल्ट घोषित करने की डिमांड की थी। इसके लिए जरूरी है कि अक्टूबर के शुरुआती दस दिनों में बैक एग्जाम का रिजल्ट आ जाए। यह इम्पॉसिबल टॉस्क है। क्योंकि, रिजल्ट के बाद एडमिट कार्ड बनवाना, मार्कशीट का वितरण और एडमिशन प्रॉसेस जैसी चीजें भी पूरी करनी होती है। रिजल्ट से पहले बड़ा चैलेंज टीचर्स द्वारा समय पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी होगा। करेंट सेशन में आए लास्ट सेशन (2013-14ब्) की वार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं और नए सेशन (2014-15भ्) में पीजी, एलएलएम और एमएड प्रवेश परीक्षाओं की लिखित उत्तर पुस्तिकाओं को जंचवाने में टीचर्स द्वारा बरती गई हद दर्जे की लापरवाही सामने आ चुकी है। जिसके चलते रिजल्ट में काफी लेट हुआ।

पिछले साल नवंबर में हुआ था चुनाव

इस साल बैक एग्जाम आज से शुरू हुआ है। ख्ब् सितम्बर से दो अक्टूबर तक एयू में अवकाश घोषित हो रहा है। इसके बाद दशहरा और बकरीद का भी अवकाश पड़ेगा। अवकाश के बाद एयू लम्बे समय के लिए सात अक्टूबर से ख्ख् अक्टूबर के बीच ओपन होगा। इसके बाद दिवाली का अवकाश पड़ जाएगा। इससे इलेक्शन नवम्बर तक टाले जाने की भी सम्भावनाएं मजबूत हो चली हैं। लास्ट इयर इलेक्शन इन्हीं सब हालातों के चलते ख्म् नवम्बर को हो पाया था।

हमें सिर्फ एग्जाम से मतलब है। इलेक्शन के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। अक्टूबर तक सारे रिजल्ट निकाल पाना पॉसिबल नहीं होगा।

प्रोफेसर एचएस उपाध्याय,

एग्जामिनेशन कंट्रोलर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

इलेक्शन से पहले बैक एग्जाम का रिजल्ट आना जरूरी होता है। क्योंकि इसमें छात्रों की संख्या काफी ज्यादा होती है। इन्हें मतदाता सूची में भी तो शामिल करना होता है।

प्रो। रामकृपाल,

लास्ट इयर स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के चुनाव अधिकारी