-ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में दांव पर लगा देते हैं जान

-नहीं रोकता है जीआरपी और आरपीएफ

ALLAHABAD: इलाहाबाद जंक्शन के रेलवे ट्रैक पर संडे को सैकड़ों जिंदगियां मौत की दौड़ लगाती हैं। दरअसल, संडे को सिटी में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए आए कैंडिडेट्स की भारी भीड़ पहुंचती है। ट्रेन पकड़ने की इस कदर जल्दबाजी रहती है कि कॅरियर बनाने के लिए घर से निकले कैंडिडेट्स जान की परवाह किए बगैर ट्रैक पर दौड़ जाते हैं, जबकि इस दौरान ट्रेनों का आवागमन जारी रहता है। पब्लिक की भीड़ को ट्रैक पर जाने से आरपीएफ-जीआरपी भी नहीं रोक पाती है।

दौड़ लगाते समय ट्रैक पर गिर गए कई छात्र

संडे को रोडवेज में परिचालक पदों पर भर्ती के साथ ही पीसीएस-जे का भी एग्जाम था, जिसमें शामिल होने के लिए हजारों कैंडिडेट्स की भीड़ इलाहाबाद पहुंची थी। एग्जाम देने के बाद टुकड़ों में आई कैंडिडेट्स की भारी भीड़ इलाहाबाद जंक्शन पहुंची तो फिर व्यवस्था गड़बड़ा गई। जोधपुर से हावड़ा जाने वाली जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर पहुंची तो फिर हजारों कैंडिडेट्स ट्रेन के सामने ही ट्रैक पर कूद पड़े और ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ने लगे। इसी बीच कई कैंडिडेट्स दौड़ लगाते समय टै्रक पर ही गिर पड़े। फिर भी नहीं माने और उठ कर ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। कैंडिडेट्स को अपने जीवन की जैसे कोई परवाह ही नहीं थी। वहीं कैंडिडेट्स को ट्रैक पर जाने से रोकने में आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने भी कोई जहमत नहीं उठाई।

नहीं है परमिशन

रेलवे एक्ट के मुताबिक, रेलवे ट्रैक सेंसेटिव जोन में आता है, इसलिए किसी भी पैसेंजर्स को रेलवे ट्रैक पर जाना पूरी तरह से मना है। दौड़ लगाने वालों को तो मना करने के बाद भी न मानने पर कार्रवाई कर चालान करने का भी प्राविधान है। फिर भी इलाहाबाद जंक्शन पर आज तक ऐसा इंतजाम नहीं है, ताकि पैसेंजर्स को रेलवे ट्रैक पर जाने से रोका जा सके।

वर्जन-

रेलवे ट्रैक पर किसी भी पैसेंजर्स का जाना पूरी तरह से मना है। इसके लिए अभियान चलाया जाता है। लोगों को अवेयर भी किया जाता है। न मानने पर कार्रवाई भी होती है। फिर भी लोग नहीं मानते हैं। पब्लिक को भी अपने जान की परवाह करनी चाहिए।

अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर