- मैथ्स में क्वेश्चन सॉल्यूशन और केमिस्ट्री की मिस्ट्री को जाना

- मौज मस्ती के साथ दिखे कई सक्सेस के रास्ते, मिली जानकारी

Meerut: आई नेक्स्ट, जागरण जोश और वीआईटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वीआईटी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट इंजीनियरिग गेटवेज ख्0क्ब् प्रोग्राम के दूसरे दिन स्टूडेंट्स को सक्सेस मंत्र मिले। कैंट एरिया में स्थित अतिथि भवन में ऑर्गेनाइज आई नेक्स्ट गेटवेज सेमिनार के दूसरे दिन एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंटस को उनकी राह सुझाई। साथ ही बच्चों में अपने कॅरियर को लेकर जोश और जुनून नजर आया, जिनकी सीखने और कुछ जानने की एनर्जी देखते ही बन रही थी। इसी एनर्जी के साथ उन्होंने इस सेमिनार से बहुत कुछ सीखा और पाया।

जोश भरी शुरूआत

प्रोग्राम के दूसरे दिन भी वही जोश और जुनून भरी रही। तालियों की गड़गड़ाहट से अतिथि भवन गूंज रहा था। सेमिनार की शुरुआत में आई नेक्स्ट जागरण परिवार के जीएम विकास चुघ, वीआईटी के प्रोफेसर माधवेश पाठक, मोडरेटर अरुणेंद्र सोनी और एक्सप‌र्ट्स ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। इसके बाद एक्सप‌र्ट्स को आई नेक्स्ट जागरण टीम ने बुके भेंट किए। साथ ही इस देश में इंजीनियर्स और उनके फ्यूचर पर अरुणेंद्र सोनी ने रोशनी डाली।

कुछ बनने का जोश

वीआईटी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट इंजीनियरिग गेटवेज ख्0क्ब् के बुधवार को हुए सेमिनार में स्टूडेंट्स में कुछ कर दिखाने का जोश और जज्बा दिखाई दिया। वे अपने फ्यूचर को इस सेमिनार के जरिए एक रास्ता देने की कोशिश में लगे थे। एक तरफ जहां एक्सप‌र्ट्स अपने टॉपिक पर बात कर रहे थे, वहीं बच्चे इनमें खोते जा रहे थे। वे लगातार कुछ और जानने की कोशिश में थे। मैथ्स के फिंगर टिप्स और केमिस्ट्री की मिस्ट्री के अलावा बच्चों को बहुत कुछ नया सीखने को मिला। एक्सप‌र्ट्स ने इनकी इंजीनियर बनने की राह आसान की और उस पर चलने के लिए रास्ते भी दिखाए।

जमकर किया एंजॉय और रिफ्रेसमेंट

स्टूडेंट्स की बोरियत को दूर रखने के लिए प्रोग्राम में इंजीनियरिंग बेस्ड वीडियोज दिखाई गई। बच्चों में जोश और जुनून का जज्बा प्रोग्राम में लास्ट समय तक रहा। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सेमिनार हॉल गूंज रहा था। स्टूडेंट्स के इसी जोश को बनाए रखने के लिए बीच-बीच में बच्चों को गिफ्ट भी दिए गए। साथ ही वीआईटी कैंपस की जानकारी दी गई। वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स के ब्राइट फ्यूचर पर रोशनी डाली।

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यहां मिलते हैं अच्छे प्लेसमेंट

वीआईटी के प्रोफेसर माधवेश पाठक ने वीआईटी कैंपस की जानकारी दी। जिसके बारे में बताया गया कि वह आईआईटी के इक्वीलेंट हैं। जो फैसिलिटी वीआईटी में मिलती हैं वो उम्मीद से काफी अधिक हैं। पचास से भी अधिक देशों से स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई करते हैं। यहां अधिकतर फैकल्टी पीएचडी धारक है। साथ ही एक मैत्रीपूर्ण वातावरण पूरी यूनिवर्सिटी में रहता है। यहां से निकलने वाले स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट अच्छी कंपनी में होता है। जिसका पैकेज लाखों में होता है। जिसकी लाइफ में एंजॉय होता है।

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बायोटेक में फ्यूचर

बायोटेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट डॉ। पुरुषोत्तम तोमर ने सेमिनार में स्टूडेंट्स को बीटेक बायोटेक्नोलॉजी में फ्यूचर के बारे में जानकारी दी। डॉ। पुरुषोत्तम के अनुसार बीटेक बायोटेक्नोलॉजी मैथ्स और बायोलॉजी दोनों ही स्ट्रीम के स्टूडेंट्स कर सकते हैं। उन्होंनेस्टूडेंट्स को बायोटेक्नोलॉजी में एक अच्छे फ्यूचर के बारे में जानकारी दी। कहा कि बीटेक बायोटेक्नोलॉजी से कई रास्ते खुलते हैं। बायोटेक्नोलॉजी से बीटेक करने के लिए स्टूडेंट्स को पहले आईसीएआर (इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) का एक टेस्ट पास करना पड़ेगा। इसके बाद वह इंडिया की किसी भी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी से बीटेक कर सकता है। जिससे बायो फर्टीलाइजर, न्यूरो साइंस, जेनेटिक, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और माइक्रो बायोलॉजी जैसे फील्ड में भविष्य उज्जवल है।

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मैथ्स की मिस्ट्री गायब

मैथ्स की मिस्ट्री को खत्म करने के लिए गुप्ता क्लासेज के मैथेमेटिक्स एक्सपर्ट आलोक गुप्ता की क्लास शुरू हुई। वीआईटी गेटवेज के इस प्रोग्राम को आलोक गुप्ता ने खूब सराहा और अपनी क्लास शुरू की। उन्होंने बच्चों को मैथ्स से डरने के बजाय उसको सॉल्व करने के टिप्स फिंगर पर उपलब्ध कराए। उनके इस सेशन में बच्चों ने कुछ ही समय में काफी जानकारी ली। उन्होंने मैथेमेटिक्स की इक्वेशन को फिंगर पर सॉल्व करने के टिप्स दिए। इसके साथ ही जवाब देने वाले और क्वेश्चन सॉल्व करने वाले स्टूडेंट्स को चॉकलेट व पेन गिफ्ट किए। उन्होंने कहा कि अगर स्टूडेंट्स का इंटरेस्ट है तो क्वेश्चन का सॉल्यूशन भी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए लॉजिकली स्ट्रांग होना होगा। सक्सेस के लिए इंटरेस्ट बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि मैथ्स को रियल लाइफ के साथ जिएं। फिर देखो आपके साथ सक्सेस ही सक्सेस होगी।

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एनसीईआरटी को बनाएं बेस

मेरठ में जाने माने केमिस्ट्री के एक्सपर्ट परमवीर सिंघल ने केमिस्ट्री की मिस्ट्री को दूर करने के कई तरीके स्टूडेंट्स को बताए। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स फिजिकल और ऑर्गेनिक में अटक जाते हैं। स्टूडेंट्स कहते हैं कि वे जब ऑर्गेनिक पढ़ते हैं तो फिजिकल भूल जाते हैं और फिजिकल पढ़ते हैं तो आर्गेनिक, लेकिन यहां स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस की जरूरत है। वो बिना प्रैक्टिस के केमिस्टी की हद तक नहीं पहुंच सकता। केमिस्ट्री के लिए एनसीईआरटी की बुक्स सबसे अच्छी होती है। जिसकी एक्सरसाइज करेंगे तो वे इसकी मिस्ट्री को चेंज कर सकते हैं। पिछले दस साल के सॉल्व्ड पेपर की एक्सरसाइज करें। अगर इतना कर लिया तो इंजीनियरिंग में एंट्री पा सकते हैं। पहले कोर्स किताबों से बाहर आता था, लेकिन अब एंट्रेंस में किताबों से आता है। बीस फीसदी ही बाहर से आता है जो सॉल्व नहीं होता। इसलिए एनसीईआरटी को मेन रखें। उन्होंने आई नेक्स्ट के इस प्रोग्राम की काफी तारीफ की। साथ ही आगे भी ऐसे प्रोग्राम करने के लिए प्रोत्साहन दिया।

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फिजिक्स पर रहे फोकस ध्यान

ऋषभ एकेडमी में टीचर और फिजिक्स के एक्सपर्ट प्रतीक अरोड़ा ने आई नेक्स्ट और वीआईटी के इस प्रोग्राम में बच्चों को सक्सेस टिप्स दिए। प्रतीक अरोड़ा ने स्टूडेंट्स को फिजिक्स के फंडे बताते हुए उनकी क्लास में पढ़ाई जाने वाली किताब के कई लेशन के बारे में बताया। जिनसे कई क्वेश्चन कॉम्पटेटिव एग्जाम में आते हैं। किस तरह से तैयारी करनी है और किस यूनिट से, किस पाठ से कितने क्वेश्चन आते हैं। साथ ही इनको याद करने के टिप्स भी स्टूडेंट्स को दिए। साथ ही इंजीनियरिंग के लिए वीआईटी और एसआरएम चेन्नई के बारे में जानकारी दी। जेईई एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करने के लिए कई फंडे बच्चों को सिखाए। बच्चों को मिले गुरु मंत्र से सपने साकार करने के रास्ते खुलते नजर आए। इनका कहना है कि फिजिक्स में न्यूमेरिकल को लेकर स्टूडेंट्स परेशान न हों, वे इन न्यूमेरिकल को करने के लिए क्वेश्चन फॉर्मूले बेस करें। इंजीनियरिंग के किसी भी एग्जाम को क्वालिफाई करने के लिए इलेवंथ और ट्वेल्थ की किताबों को अच्छे से पढ़ा जाए।

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दूसरों से अलग होना काफी जरूरी

न्यूटन के टाइम पर न्यूटन के अलावा कितने लोगों ने सेब को नीचे गिरते हुए देखा होगा? आखिर न्यूटन के अलावा किसी ने ये क्यों नहीं सोचा कि आखिर सेब पेड़ से नीचे क्यों और कैसे गिरा? यही सोच हमें बाकी लोगों से अलग करती है। ये बातें फिजिक्स के टीचर अख्तर जैदी ने कहीं। उन्होंने बच्चों से कहा कि उन्हें एक दूसरे से डिफ्रेंट सोच रखनी होगी। वरना आगे तरक्की करना काफी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने जेईई एग्जाम में फिजिक्स की इंपोर्टेस के बारे में बताया कि जिसक भी फिजिक्स पार्ट स्ट्रांग होगा उसे जेईई के एग्जाम को क्लीयर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने पढ़ाई में क्वालिटी टाइम स्पेंड करने की बात की। उन्होंने साफ कहा कि पूरे दिन किताबों से लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। किताबों को अपना दोस्त समझें और उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें।

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टफ नहीं है आईआईटी क्रैक करना

जो इस बात को मानता है कि आईआईटी एग्जाम को क्रैक करना काफी टफ है तो वो वाकई में कभी आईआईटी क्लीयर नहीं कर सकता। ये बातें एमपीएस मेन विंग के केमिस्ट्री टीचर गौरव शर्मा ने कही। उन्होंने कहा आईआईटी को बिल्कुल भी हौवा न मानें। अपने मन से इस बात का पूरा डर निकाल दीजिए कि आपके पड़ोस में एग्जाम दे रहा स्टूडेंट आपसे बेटर कर जाएगा। आपको बता दूं कि जितना फीसदी पेपर उसे आता है उतना ही आपको भी आता है। बस अपने एग्जाम में फोकस रखने की जरूरत है। जो हम नहीं करते हैं। उन्होंने आईआईटी एग्जाम को क्रैक करने के टिप्स बताते हुए कहा कि बच्चों को सिर्फ प्लस वन और प्लस टू की बुक्स पर फोकस करें। खासकर एनसीईआरटी बुक्स पर। एक बात और ध्यान रखें कि इलेवंथ और ट्वेल्थ में पीसीएम के हरेक चैप्टर के पूरे नोट्स बना लें, ताकि एग्जाम से एक दिन पहले तैयारी की जा सके।

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आई नेक्स्ट और वीआईटी द्वारा आयोजित किए गए प्रोग्राम से बच्चों को काफी फायदा मिलेगा। बच्चों ने यहां पर आकर काफी कुछ सीखा। काफी नॉलेज गेन की।

- डॉ। जीएन गुप्ता, प्रिंसीपल, सीएबी इंटर कॉलेज

इस सेमिनार से बच्चों के कई तरह के कांसेप्ट क्लीयर हुए हैं। खास इंजीनियरिंग कांप्टीटिव एग्जाम को लेकर। वहीं बाहर के एक्सपर्ट बुलाकर जो सेशन कराए गए। उससे बच्चों को काफी नॉलेज मिली।

- डॉ। बीबी बंसल, प्रिंसीपल, एसडी सदर ब्वॉयज इंटर कॉलेज

हमें खुशी है स्कूल के स्टूडेंट्स इस सेमिनार हिस्सा बनें और स्टूडेंट्स को इंटरटेन होने के साथ काफी नॉलेज भी मिली। बच्चों को गाइड करने के लिए इस तरह के सेमिनार होते रहना काफी जरूरी है।

- प्रेम मेहता, प्रिंसीपल, सिटी वोकेशनल स्कूल