- स्टूडेंट्स ने की कैरी ओवर एग्जाम कराने की मांग, किया प्रदर्शन

- एक-दो नंबर कम होने के कारण स्टूडेंट्स की डिग्री रुकी

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी 'यूपीटीयू' के कैम्पस में गुरुवार को स्टूडेंट्स ने स्पेशल कैरी ओवर एग्जाम की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि कई बार कैरी ओवर एग्जाम देने के बावजूद नंबर में एक भी मॉ‌र्क्स का बदलाव नहीं हुआ है। एग्जाम में बैक लगी होने के कारण स्टूडेंट्स को डिग्री नहीं मिल पाई है, जिससे सैकड़ों स्टूडेंट्स प्रभावित है। नौकरी और आगे की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को परेशानी उठानी पड़ रही है।

कैंपस में हो गए इकट्ठा

गुरुवार को सुबह से ही सैकड़ों स्टूडेंट्स का हुजूम यूपीटीयू के कैम्पस में इकट्ठा हो गया। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी की कार्यशली के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में आए स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्टूडेंट्स विरोधी नीतियों पर विरोध जताया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि इस यूनिवर्सिटी में ग्रेस आर्डिनेंस ख्00ब्-0भ् के तहत स्टूडेंट्स को एग्जाम में क्भ् नंबर का ग्रेस देने का प्रावधान था, जिसे यूनिवर्सिटी ने शिक्षा की गुणवत्ता की नीति के तहत खत्म कर दिया और उसे दस नंबर कर दिया। जोकि प्रति सेमेस्टर पांच-पांच मा‌र्क्स कर दिया गया। इससे स्टूडेंट्स के हितों का हनन हो रहा है। ख्0क्फ् बैच के बीटेक पूरा कर चुके स्टूडेंट अभिषेक ने बताया कि उसने पिछले कुछ सालों में छह बार स्पेशल कैरी ओवर एग्जाम दिया, लेकिन उनके मा‌र्क्स ख्म् जो शुरू में आए थे और छह एग्जाम देने के बाद भी ख्म् ही बने रहे। इससे उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर भी प्रश्न उठते हैं।

यूपीटीयू के सिस्टम से नाराज स्टूडेंट्स

ख्0क्फ् बैच में बीटेक पूरा कर चुके पंकज सिंह ने बताया कि बीटेक में ब्8 कोर्सेस की पढ़ाई करनी होती है और एग्जाम देना होता है। ऐसे में लगभग एक-दो पेपर सभी स्टूडेंट्स की बैक आ जाती है। जिसे कैरी ओवर एग्जाम से पास किया जाता है। यूनिवर्सिटी की उदासीनता के कारण कैरी ओवर एग्जाम साल में एक बार ही होता था, इस बीच में वो भी नहीं हो रही है। स्टूडेंट्स ने बताया कि यूपीटीयू के दो खंड होने पर महामाया टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमटीयू) ने माह में दो बार कैरी ओवर एग्जाम की व्यवस्था की थी, जिससे स्टूडेंट्स जल्दी एग्जाम देकर पास हो जाते थे। लेकिन यूपीटीयू दोबारा गठित होने से यह समस्या पहले की तरह बन गई है। उन्होंने बताया कि अन्य यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को ग्रेस मा‌र्क्स के तौर पर बीस नम्बर दिया जाता है।

- स्टूडेंट्स के हितों का ध्यान रखा जाएगा। इस संबंध में ख्9 अप्रैल को बैठक कर निर्णय लिया जाएगा कि इन स्टूडेंट्स के लिए आगे क्या किया जाना चाहिए।

- डॉ। आरके खांडल,

वीसी, यूपीटीयू