- जनपद स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित हुए 59 मॉडल

GORAKHPUR: सेंसर सिग्नल की मदद से चौराहों पर यातायात व्यवस्था पर नियंत्रण। बच्चों को खेल-खेल में गणित की प्रमेय सुझलाने की इलैक्ट्रॉनिक पद्धति। बुधवार को राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में लगाई गई जनपद स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में भविष्य के वैज्ञानिकों का नजरिया दिखाते ऐसे ही मॉडल प्रदर्शित हुए। इस दौरान 59 मॉडल प्रदर्शित किए गए।

दिखाया जबरदस्त उत्साह

प्रदर्शनी को तीन वर्गो में बांटा गया था। जूनियर वर्ग में कक्षा छह से कक्षा दसवीं के छात्रों ने हिस्सा लिया। सीनियर वर्ग में इंटर कॉलेज के छात्रों ने और प्रशिक्षण वर्ग में डीटीसी के प्रशिक्षकों ने अपने मॉडल प्रदर्शित किए। जूनियर वर्ग से 25, सीनियर से 22 और प्रशिक्षण वर्ग से 12 मॉडल प्रदर्शित हुए। प्रदर्शनी प्रभारी जुबली इंटर कॉलेज के प्रवक्ता सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इसमें सात विद्यालयों ने हिस्सा लिया। गुरुवार को निर्णायक मंडल हर वर्ग में से एक-एक मॉडल का चयन मंडल स्तरीय प्रदर्शनी के लिए करेगा। निर्णायक मंडल में पूर्व उप प्राचार्य लालजी पाठक, पूर्व प्राचार्य आरपी सिंह और मंडलीय मनोवैज्ञानिक उमा श्रीवास्तव शामिल हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता जुबली इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल नंद प्रसाद यादव ने की। इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद, शिक्षक डॉ। अविनाशपति तिवारी आदि उपस्थित थे।

ट्रैफिक है बड़ी समस्या

प्रदर्शनी में ट्रैफिक व्यवस्था पर अपना मॉडल लेकर आई एडी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज की छात्रा सोनाली यादव ने कहा कि शहर में ट्रैफिक की हालत खराब है। इसलिए मैंने सेंसर सिग्नल के जरिए इसे ठीक करने का मॉडल तैयार किया है। चौराहे पर आते ही खुद व खुद सिग्नल ऑन हो जाएगा। इससे मैन पावर बचेगी। डायट के शांतनु सिंह ने बच्चों को प्रमेय और जोड़ व घटाव सिखाने के लिए ज्योमेट्रिकल बोर्ड और मैथ्स मैजिक बॉक्स तैयार किया था। उन्होंने कहा कि छात्रों को गणित मुश्किल तरह से पढ़ाया जाता है। तकनीक के प्रयोग से इसे आसान बनाया जा सकता है।