डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने चलाई लाठी, स्टूडेंट्स पर पत्थर भी फेंके

- विधानसभा घेराव करने निकले स्टूडेंट्स यूनियन के लीडर्स पिट गए

- पुलिस ने खदेड़-खदेड़ कर प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स की धुनाई की

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी में हॉस्टल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। थर्सडे को विभिन्न स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स पर पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर जमकर लाठियां भांजी। प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स विधानसभा की और बढ़ने का प्रयास कर रहे थे। स्टूडेंट्स को रोकने के लिए पुलिस की ओर से लगायी गयी रस्सी को क्रॉस करने का प्रयास कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने कई स्टूडेंट्स को अरेस्ट कर लिया। स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच हाथपाई शुरू हो गई, जिसके बाद पुलिस ने खदेड़-खदेड़ कर प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स पर जमकर लाठियां चलाई। इस दौरान दर्जनों स्टूडेंट्स को अरेस्ट किया गया।

पुलिस ने किसी को नहीं बख्शा

सिटी डीएसपी लॉ इन ऑर्डर ममता कल्याणी के नेतृत्व में पुलिस ने किसी को नहीं बख्शा। लाठीचार्ज के दौरान प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ही नहीं, आस-पास से गुजर रहे युवाओं, दुकानों में खरीदारी कर रहे आम लोगों के अलावा मीडिया कर्मियों पर भी बेरहमी से लाठियां चलाई। जो स्टूडेंट्स अरेस्टिंग से बच गए उन्होंने पुलिस बल पर फ्रेजर रोड से जमकर पथराव किया। पथराव के दौरान कई पुलिस बल घायल हो गए।

महिला पुलिस ने दिखाई बेरहमी

प्रोस्टेस्ट कर रहे ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स पर महिला पुलिस कमियों ने बेरहमी से महिलाओं पर लाठियां चलायी और उनके बाल पकड़ कर घसीटते हुए पुलिस वाहनों में ठूसा। रोड़ेबाजी की सूचना के बाद मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट सह प्रभारी दंडाधिकारी, सिटी एसपी सहित कई पदाधिकारी पहुंचे। पटना यूनिवर्सिटी से प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट्स करीब डेढ़ बजे डाकबंगला चौराहा पहुंचे। देखते ही देखते पुलिस ने करीब पांच-सात मिनट तक जमकर लाठियां चलाई। इस दौरान रोड़ेबाजी भी हुई। घटनास्थल पर दर्जनों चप्पल, पेन आदि सामान बिखरे हुए थे।

कब थमेगा हॉस्टल विवाद?

पीयू में चल रहे हॉस्टल विवाद में यूनिवर्सिटी टाइम से ठोस निर्णय नहीं ले पा रहा है। विवाद के कारण स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच टकराव से माहौल डिरेल्ड हो चुका है। ख्क् जुलाई को प्रोटेस्ट के दौरान कैंपस में काफी बबाल हुआ था। प्रोटेस्ट करने वालों ने कई ताले तोड़ डाले थे। आखिर यूनिवर्सिटी ट्रांसपेरेंट निर्णय लेने में इतना बबाल क्यों बढ़ा रही है।