-छात्रा के जन्मजात कटे थे होंठ

-सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रा का कराया ऑपरेशन

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

मिर्जापुर के गांव रामपुर की पांच वर्षीय पिंकी की तरह बरेली के लक्ष्मीपुर गौटिया निवासी 14 वर्षीय वर्षा के होंठ जन्मजात कटे थे। कटे होंठ के कारण उसे शर्मिदगी झेलनी पड़ती थी। लेकिन गरीबी के चलते पिता इलाज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। तभी स्माइल ट्रेन एनजीओ उसके लिए फरिश्ता बनकर आई। उसने तीन महीने पहले बेटी का मुरादाबाद के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराया। 21 अप्रैल को उसके टांके कट जाएंगे, इसके बाद वर्षा भी सभी की तरह मुस्कुरा सकेगी।

रामलीला गौटिया प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती है छात्रा

लक्ष्मीपुर गौंटिया निवासी नन्हें सिंह के पांच बच्चों में सबसे बड़ी बेटी वर्षा पढ़ने में काफी होशियार थी। लेकिन वह कटे होंठ से उसे बोलने में काफी दिक्कतें व शर्मिदगी झेलनी पड़ती थी। पिता जो कि राज-मिस्त्री हैं। वह बेटी के ऑपरेशन का खर्चा उठाने में अक्षम थे। लास्ट ईयर नवंबर में स्माइल ट्रेन एनजीओ ने सर्व शिक्षा अभियान के सभी जिला को-ऑर्डीनेटर से कहा वह इस बीमारी से पीडि़त बच्चों की सूची बनाकर दें। संस्था इनका मुफ्त में इलाज कराएगी। संस्था की जिला को-ऑर्डीनेटर शिल्पी श्रीवास्तव ने रामलीला गौटिया प्राथमिक विद्यालय की क्लास चार की छात्रा के माता-पिता से बात की, तो वह ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। इसके बाद उन्होंने छात्रा का नाम लखनऊ भेज दिया। संस्था ने जनवरी में जिला को-ऑर्डीनेटर को पत्र भेजकर कहा कि छात्रा और उसके अभिभावक को मुरादाबाद के निजी हॉस्पिटल में भेज दें। वहां पर डॉ। नाजिम उसका इलाज करेंगे। जांच के बाद 21 जनवरी को छात्रा का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद लड़की वर्षा के होंठ सही हो गए। 21 अप्रैल को उसके टांके कट जाएंगे। इसके बाद छात्रा की जिंदगी सामान्य हो जाएगी।

ऑपरेशन में खर्च हुए डेढ़ लाख रुपए

छात्रा के पिता ने बताया ऑपरेशन में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए। जिसे एनजीओ ने वहन किया। उन्होंने बताया डॉक्टर छात्रा की नाक सही करने के लिए अभी एक ऑपरेशन करेंगे, जिसके बाद छात्रा और सुंदर दिखने लगेगी।

पिंकी एक नजर में

मिर्जापुर के गांव रामपुर की पांच वर्षीय पिंकी को वाराणसी के एक स्कूल में कटे होंठ के कारण प्रवेश नहीं दिया गया। जिससे वह खामोशी की जिंदगी जीने लगी। तभी सामाजिक कार्यकर्ता ने उसे सही कराने का बीड़ा उठाया। स्माइल ट्रेन कार्यक्रम के तहत उसकी सर्जरी कराई। उसकी जिंदगी पटरी पर दौड़ने लगी। इसके बाद पिंकी पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म से उसे ख्याति मिली। वहीं पिंकी को 2013 में लंदन में बिंबलडन फ ाइनल में सिक्का टॉस करने के लिए आमंत्रित किया गया था।