- दूसरे कॉलेज की जमीन पर चल रहा था

- पूर्व प्रिंसिपल ने इस मामले की शिकायत की थी

KANPUR:

खुद की जमीन न होने का खामियाजा सुभाष बालिका इंटर कॉलेज को उठाना पड़ा। माध्यमिक शिक्षा परिषद की कमेटी ने 27 साल पुराने बालिका इंटर कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी। जमीन से रिलेटेड कम्प्लेन एक पूर्व प्रिंसिपल ने ही की थी। कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को पास के ही विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। टेंथ व ट्वेल्थ की स्टूडेंट्स का इश्यू नहीं है, बल्कि 9वीं व 11वीं की छात्राओं का क्या होगा इसका जवाब जिला विद्यालय निरीक्षक के पास भी नहीं है। कॉलेज में करीब 800 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

2012 में सामने आया था विवाद

सुभाष बालिका इंटर कॉलेज की जमीन का विवाद पहली बार साल 2012 में सामने आया था। इस मामले की जांच तत्कालीन डीआईओएस कोमल यादव, एसपी पटेल, एसोसिएट एके शुक्ला, डीआईओएस टू जेएल वर्मा ने की थी। सभी अधिकारियों की रिपोर्ट में जमीन का मामला फर्जी पाया गया। जिसकी रिपोर्ट गवर्नमेंट के साथ साथ बोर्ड को भेजी गई थी।

17 अगस्त को हो गई थी कार्रवाई

बीती 17 अगस्त को माध्यमिक शिक्षा परिषद की कमेटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई कर दी है। इस आशय का लेटर जिला विद्यालय निरीक्षक को आज मिला है। टेंथ में 100 व ट्वेल्थ में पढ़ने वाली 90 छात्राओं का समायोजन पास के ही किसी विद्यालय में करने की तैयारी की जा रही है। अहम बात यह है कि छात्राओं के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

वर्जन

मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जानकारी मुझे नहीं है। अगर ऐसा आदेश आ गया है तो आदेश के खिलाफ कोर्ट में दस्तक देंगे। छात्राओं के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। जब मान्यता दी गई थी उस टाइम इसको किसी ने क्यों नहीं चेक किया।

आर एल भट्ट, संस्थापक प्रिंसिपल सुभाष स्मारक इंटर कॉलेज

वर्जन

सुभाष बालिका इंटर कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई है। परिषद की कमेटी ने इस पर डिसीजन बीती 17 अगस्त को किया था। कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं का समायोजन पास के कॉलेज में कराया जाएगा। 9वीं और 11वीं की स्टूडेंट्स के लिए बोर्ड से डायरेक्शन मांगा जाएगा।

मोहम्मद इब्राहिम, डीआईओएस कानपुर नगर