इलाहाबाद मंडल के लिए 18 नए बिजली उपकेंद्रों की स्थापना को मंजूरी

इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम योजना के तहत होगा निर्माण

ALLAHABAD: जिले में बिजली आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए शासन ने पावर प्लान बनाया है। इसे मंजूरी भी मिल चुकी है। इससे केवल इलाहाबाद ही नहीं बल्कि मंडल के अन्य जिलों में भी बिजली आपूर्ति में जबरदस्त सुधार होगा। प्लान के तहत पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मंडल में 33/11 केवी के 18 उपकेंद्रों का निर्माण कराने जा रहा है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद उपकेंद्रों के लिए जमीन की तलाश तेज कर दी गई है। कुछ उपकेंद्रों के लिए जमीन मिल गई है जहां जल्द ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

क्यों पड़ी जरूरत

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत इन उपकेंद्रों का निर्माण कराएगा

लंबे समय से मंडल में बिजली आपूर्ति में कमी के चलते यह प्लान तैयार कराया गया है

इसके लिए उन इलाकों को चिंहित किया गया है जहां बिजली का लोड अधिक है और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर इसका भार वहन करने की स्थिति में नहीं है

फूलपुर में बनने वाले उपकेंद्र के लिए जमीन की तलाश पूरी कर ली गई है। यहां पांच एमबीए का एक ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा

सिरसा 1 व सिरसा 2 के लिए भी जमीन मिल गई है

जमीनों का अभी ट्रांसफर नहीं हुआ है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इन दोनों उपकेंद्रों पर पांच-पांच एमबीए के दो ट्रांसफार्मर लगेंगे

इन सभी उपकेंद्रों पर पांच एमबीए के दो-दो ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।

यहां के लिए जमीन की तलाश

एनआइसी-2 नैनी पावर हाउस

मो। अली पार्क

मीरापुर-कल्याणी देवी

काशीराज मुट्ठीगंज

न्यू सिविल लाइंस

न्यू बेला

कसारी मसारी

हरवारा

फाफामऊ

सुलेम सराय

झूंसी

दूर होगी बिजली की किचकिच

मंडल के उन जिलों का भी चयन किया गया है जहां बिजली की किचकिच से आम जनता परेशान है

कौशांबी के अजुहा और भरवारी में भी उपकेंद्रों के लिए जमीन तलाशी जा रही है

अजुहा में पांच एमबीए का एक व भरवारी में दो ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे

प्रतापगढ़ के मानिकपुर में बनने वाले उपकेंद्र के लिए जमीन तलाश ली गई है

यहां की क्षमता भी पांच एमबीए होगी

फतेहपुर के लुटनीगंज के लिए अभी जमीन नहीं मिल पाई है

यहां पांच एमबीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।

मंडल में 18 उपकेंद्रों को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से 14 जिले में बनने हैं। जमीन की तलाश पूरी होते ही काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा।

-रामकुंजन,

अधिशासी अभियंता