-कानून व्यवस्था की सुधार के लिए दिए सुझाव

- शहर में लगातार बढ़ रहे अपराध पर शहरवासियों ने रखी बेबाक राय

इंट्रा- शहर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति दयनीय है। हर दिन क्राइम की घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। शासन प्रशासन की ओर से कानून-व्यवस्था के सुधार के लिए तमाम घोषणाएं और योजनाएं तो चलाई जाती हैं, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं दिखता। दैनिक जागरण के कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' के दौरान शहरवासियों ने कानून व्यवस्था के सवाल पर बेबाक राय रखी।

Meerut। शहर में अपराध की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से शुक्रवार को सुपरटेक हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी, मेडिकल कॉलेज और हॉटल कंट्री इन में कैम्पेन 'नायसिल प्रजेंट्स गर्मी लगी क्या' में अपनी राय रखी। इस दौरान नितिन गुप्ता ने कहा कि मेरठ वेस्ट यूपी का क्राइम कैपिटल बन गया है। यहां तक कि पड़ोसी राज्यों में मेरठ की पहचान अब क्राइम से जोड़ कर होनी लगी है। जो वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है। शहरवासियों के लिए क्राइम कंट्रोल दूर की कौड़ी बनी हुई है। उधर, सोसायटी के प्रेसीडेंट सुमेर सिंह ने कहा कि पीडि़तों के प्रति पुलिस का व्यवहार अच्छा नहीं है। यही कारण है कि शहरवासियों का पुलिस सिस्टम से भरोसा उठ गया है।

फ्रेंडली हो पुलिस का रवैया

उधर, मेडिकल कॉलेज कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन त्यागी ने कहा कि कानून व्यवस्था व्यक्ति के रसूख की मोहताज है। कमजोर के लिए कोई कानून व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि पीडि़त थाने में घुसने तक से डरता है। संजीव त्यागी ने कहा कि जब तक पुलिस पीडि़त से दोस्ताना बर्ताव नहीं करेगी, आमजन में पुलिस की छवि नहीं सुधरेगी। प्रदीप ने कहा कि पुलिस के साथ ही पब्लिक अवेयरनेस भी बड़ा मुद्दा है। यदि पब्लिक जागरुक हो तो उसका किसी स्तर पर उत्पीड़न नहीं सकता।

ऑन लाइन हो एफआईआर

होटल कंट्री इन में राहुल ने कहा कि शासन द्वारा संचालित डायल 100 योजना का पब्लिक को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। राहुल ने कहा कि 100 डायल मौके पर कभी समय पर नहीं पहुंचती। मनीष पटवाल ने कहा कि मेजर क्राइम के सामने चेन स्नेचिंग और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं छोटी लगने लगी है। रवि गोस्वामी ने कहा कि पुलिस को अपने आराम से मतलब है। पुलिस चौकियों में पुलिस कर्मी आराम फरमाते दिखाई पड़ते हैं। एफआईआर सिस्टम ऑनलाइन होना चाहिए।

इन सुझाव पर हो गौर

- अराजक तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई करे पुलिस

- ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने पर हो तुरंत कार्रवाई

- घटना पर तुरंत पहुंच डायल- 100

- पीडि़त से फ्रेंडली व्यवहार रखे पुलिस

- थानों में हर हाल में पीडि़तों की सुनी जाएं शिकायतें

- अपराधियों पर न की जाए राजनीतिक दखलंदाजी

वर्जन

शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति लचर है। हाल यह है कि पीडि़त पुलिस के पास तक जाता हुआ डरता है। दोषी के स्थान पर पुलिस पीडि़त का उत्पीड़न करती है।

-नितिन गुप्ता, सोशल वर्कर

पुलिस डिपार्टमेंट से राजनीतिक दखल हटना चाहिए। राजनीतिक दखल अंदाजी के चलते पुलिस प्रेशर में आ जाती है। जिससे पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिल पाता।

-सुमेर सिंह, व्यापार संघ

आम लोगों के प्रति पुलिस का व्यवहार दोस्ताना होना चाहिए। इसके लिए पुलिस मित्र जैसा कोई फॉर्मूला तैयार किया जाना चाहिए। तभी क्राइम पर कंट्रोल हो सकता है।

-विपिन त्यागी, मेडिकल कॉलेज

महिला अपराध लगातार बढ़ रहा है। अकेली महिला से पुलिस तहरीर तक नहंीं पकड़ती, रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर की बात है। महिलाओं के कोई विशेष सेल बनें।

-शैली भंडारी, मेडिकल कॉलेज

डायल 100 की स्थिति में सुधार लाना होगा। अन्यथा इसका आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। इस सुविधा का लोगों तक समय पर पहुंचना बहुत जरूरी है।

-राहुल कुमार, होटल कंट्री इन

अधिकारी वर्जन

मेरठ के आठ थानों का संवेदनशील घोषित किया गया है। थानों की पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स को सुरक्षा में लगाया गया है। अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी