पीपीएफ से बेहतर है सुकन्या समृद्धि स्कीम

एनडीए गवर्नमेंट के पहले पूर्ण बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 'सुकन्या समृद्धि स्कीम' के तहत मिलने वाले ब्याज एवं मेच्योरिटी रकम पर लगने वाले टैक्स को खत्म कर दिया है. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, ''सुकन्या समृद्धि स्कीम में निवेश पहले से ही सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन योग्य है. जमा राशि पर भुगतान की गई ब्याज राशि समेत लाभार्थियों को भुगतान की गई सारी राशि पूरी तरह से अब टैक्सी फ्री होगी.' इस स्कीम की घोषणा जुलाई 2014 में पेश किए गए बजट में की गई थी. इसके बाद पीएम मोदी ने जनवरी में इस योजना को आधिकारिक रूप से लांच किया था.

आखिर क्या है सुकन्या समृद्धि स्कीम

राजग सरकार द्वारा शुरु की गई सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत बच्चियों के अभिभावक एवं कानूनी संरक्षक अधिकतम दो लड़कियों के जन्म से 10 साल की अवधि तक बच्चियों के नाम अकाउंट खुलवा सकते हैं. इन अकाउंट्स में एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 हजार और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं. इस स्कीम के तहत खोले जाने वाले खातों में ब्याज की दर 9.1 परसेंट है जो पीपीएफ अकाउंट से .35 परसेंट ज्यादा है. जानें सुकन्या समृद्धि स्कीम की जरूरी बातें

1 - खातों से लड़की के 18 वर्ष पूरे होने पर खाते में जमा राशि का 50 परसेंट हिस्सा निकाला जा सकता है.

2 - योजना आरंभ होने के वक्त 10 साल से बड़ी बच्चियां भी यह खाता खोल सकती हैं.

3 - एक बच्ची के नाम पर सिर्फ एक ही खाता खोला जा सकता है

4 - अधिकतम दो बच्चियों के नाम से खोला जा सकता है.

5 - जुड़वा लड़कियां होने की स्थिति में प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे.

6 - खाता खोलने के 14 वर्षों तक धन जमा किया जा सकता है.

7 - खाते में न्यूनतम राशि 1000 रुपये जमा नहीं रखने पर 50 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से जुर्माना देना होगा.

8 - बालिका की मृत्यू होने पर अभिभावक खाते को बंद करके जमा राशि निकाल सकते हैं.

9 - 21 वर्ष के पूर्व लड़की की शादी होने पर मैरिज डेट के बाद से खाते को चलाए जाने की अनुमति नहीं है.

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