जनता की समस्याओं को सुनने के लिए हमेशा रहते थे तैयार

JAMSHEDPUR : ख्00ब् लोकसभा चुनाव में एक लाख से ज्यादा वोट से जीत हासिल कर जमशेदपुर के एमपी बनने वाले सुनील महतो आज भी लोगों के बीच एक जनप्रिय नेता के रूप में याद किए जाते है। छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि रखने वाले सुनील महतो ने हमेशा लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुनने और उसे दूर करने का प्रयास किया। चार मार्च ख्007 को घाटशिला के बाघुडि़या में एक फुटबॉल मैच के कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने सुनील महतो की हत्या कर दी। जमशेदपुर के लिए लोगों के दिलों में आज भी अपने इस प्रिय नेता की यादें ताजा हैं।

अप्वाइंटमेंट की जरूरत नहीं थी

उनसे मिलने के लिए किसी अप्वाइंटमेंट की जरूरत नहीं थी। जिसे जब भी जरूरत हो उनसे मिलकर अपनी समस्या बता सकता था। चाहे कोई भी वक्त हो वे हमेशा जनता की सेवा करने के लिए तत्पर रहते थे। जनता के बीच रहकर उनकी भलाई करना ही सुनील महतो की जिंदगी का मकसद था। छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े सुनील महतो ख्00ब् में जमशेदपुर के एमपी बने। वे सबसे मिलते थे, सबकी समस्याओं को सुनते थे और उसके समाधान की कोशिश करते थे। एमपी बनने के बाद भी उनकी यही सोच रही। वे दो मोबाइल रखते थे। एक फोन से लोगों की समस्याएं सुनते थे और दूसरे फोन से इन समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी निर्देश देते थे। लोगों से उन्हें इतना लगाव की आधी रात तक बाहर ही रहते थे। इसे लेकर जब उनकी पत्नी उन्हें टोकती थीं, तो हमेशा उनका यही जवाब हो था की आज वे जो भी है जनता की वजह से ही है, इसलिए उनके बीच रहना उनकी जिम्मेदारी है।

मदद को रहते थे तैयार

सुनील महतो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। एक बार रात के वक्त सड़क पर सोए एक गरीब परिवार को उन्होंने अपनी रजाई ले जाकर ओढ़ा दी। वे हमेशा दूसरों के हक के लिए लड़ते थे। स्कूल और कॉलेज लाइफ में भी कभी भी वे गलत चीजों को बर्दाश्त नही करते थे। उनकी मृत्यु के सात साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन लोगों को आज भी अपने लोकप्रिय नेता का स्नेह याद है।

(स्व। सुनील महतो की पत्नी सुमन महतो से बातचीत पर आधारित)