हाईकोर्ट दखल न दें

कोर्ट की आईआईटी को हिदायत  जस्टिक दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानवलकर और जस्टिस एमएम शांतानागौदार की बेंच ने कहा कि ग्रेस माक्र्स देने के सिलसिले में दायर पिटीशन पर हाईकोर्ट दखल न दें, जिससे भ्रम की स्थिति ना हो। इस तरह की गलतियां दोबारा न हों और ऐसे हालात न हों जिसमें बोनस माक्र्स देने की नौबत आए। आआईटी की तरफ  से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे हालात सामने नहीं आएंगे।

बोनस माक्र्स पर मीटिंग का जिक्र

बेंच ने कहा, इस मामले में 2005 के गुरुनानक यूनिवर्सिटी केस के फैसले को लागू नहीं किया जा सकता है। इस मसले में बड़ी संख्या में स्टूडेंट शामिल हैं और इसके साथ-साथ एग्जाम में निगेटिव मार्किंग सिस्टम भी था। इसके अलावा आईआईटी के एक्सपट्र्स ने यह फैसला लेने के लिए दो बार मीटिंग की कि गलत सवालों के लिए भी बोनस माक्र्स दिए जाने चाहिए या नहीं।

 

अटॉर्नी जनरल ने दिया जवाब

अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, एग्जाम में हर गलत जवाब के लिए निगेटिव मार्किंग भी थी और ऐसे भी स्टूडेंट होंगे, जिन्होंने इसके चलते क्वेश्चन अटेम्ट ना करने का फैसला किया होगा। इसलिए सभी स्टूडेंट्स को बोनस माक्र्स दिए गए। एग्जाम देने वाले 2 लाख स्टूडेंट्स की कॉपी की दोबारा जांच मुश्किल थी। ऐसे में सभी को बोनस माक्र्स देना ही सबसे प्रैक्टिल सॉल्यूशन था। कोर्ट ने केंद्र सरकार और आईआईटी मद्रास को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।  

पहले क्या कहा था एससी ने?  

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के जजमेंट को आधार मानते हुए कहा था कि बोनस माक्र्स उन लोगों को नहीं दिए जा सकते, जिन्होंने गलत सवालों के लिए क्वेश्चन अटेम्प्ट ही नहीं किया है।

 

देशभर में 3289 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट

देश में 3289 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट हैं। इनमें 23 आईआईटी, 31 एनआईटी और 19 आईआईआईटी हैं। इन इंस्टीट्यूशंस में इंजीनियरिंग की कुल 15 लाख 53 हजार 809 सीटें हैं।

 

क्या है विवाद?

* दरअसल, जेईई-2017 एडवांस के एग्जाम में उन स्टूडेंट्स को भी ग्रेस माक्र्स दिए गए थे, जिन्होंने सवाल को हल करने की कोशिश भी नहीं की थी।

* नियमों के मुताबिक, ग्रेस माक्र्स सिर्फ  उनको ही दिए जाते हैं, जो सवाल छोडऩे के बजाए उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं।

*  इस एग्जाम में सभी स्टूडेंट्स को 18 ग्रेस माक्र्स दिए गए थे।

* पिटीशन में यह आरोप लगाया गया था कि ग्रेस माक्र्स से एग्जाम की मेरिट लिस्ट पर असर हुआ है, इसलिए दोबारा लिस्ट तैयार की जाए।

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