सांप्रदायिक दंगे हुए

देश में अयोध्या मामला राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर दो समुदायों के बीच है। यह विवाद 1528 से चला आ रहा है। यहां पर कई बार इन दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ। इस विवाद ने सबसे ज्यादा उग्र रूप तब धारण किया जब 6 दिसंबर 1992 में हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया था। इस घटना के बाद सांप्रदायिक दंगे हुए। मस्जिद की तोड़-फोड़ की जांच के लिए एम.एस. लिब्रहान आयोग का गठन हुआ।

2002

अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की।

2003

इलाहबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई की। मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के प्रमाण मिलने का दावा। इसी साल अदालत का फैसला, मस्जिद के विध्वंस को उकसाने वाले सात हिंदू नेताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाए।

2004

आडवाणी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण की बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई।

अयोध्‍या विवाद: जानें अब तक क्‍या हुआ

2005

संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों ने विस्फोटकों से भरी एक जीप का इस्तेमाल करते हुए विवादित स्थल पर हमला किया। सुरक्षा बलों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया।

2009

लिब्रहान आयोग ने गठन के 17 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

2010

सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का मार्ग प्रशस्त किया। इसी साल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

2017

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की पेशकश की है। चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने कहा है कि अगर दोनों पक्ष राजी हो तो वो कोर्ट के बाहर मध्यस्थता करने को तैयार हैं।

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