-महाराजा मान सिंह को समर्पित रही सुरगंगा संगीत महोत्सव की 36 वीं शाम

-कलाकारों ने राजस्थानी संस्कृति के हर रंग को बिखेरा

VARANASI

सुरगंगा संगीत महोत्सव की फ्म् वीं शाम राजस्थान के रंग में रंगी रही।

राजस्थान की लोक संस्कृति को मंच पर जीवंत करते हुऐ कलाकारों ने टाउनहाल के मैदान में राजस्थानी संस्कृति के हर रंग को बिखेरा। राजस्थानी लोक गीत के साथ प्रसिद्ध अग्नि भवई नृत्य, चरी नृत्य एवं कालबेलिया नृत्य ने शाम को खास बना दिया। महाराजा मान सिंह को समर्पित अनेकता में एकता की परिकल्पना को साकार करती शाम

में राजस्थानी कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकारों ने भी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। राजस्थानी साफा पहने पुरुष एवं राजस्थानी लहंगा-चुन्नी

धारण की महिलाओं से निशा पूरी तरह राजस्थानी कलेवर में नजर आई।

मुम्बई से आई राजस्थान की सुप्रसिद्ध लोक गायिका रेखा राव के स्वर से सभी निहाल हो गये। उन्होंने पहले स्वागत गीत 'आओ जी आओ' से गायन की शुरुआत की। उसके बाद 'केसरिया बालम' की सबको झूमा देने वाली प्रस्तुति दी। उन्होंने मोरिया लोकगीत 'मोरिया आछा बो लियोरे' पेश किया तो 'पल्लो लटको रे', एवं 'एक बार आओ जम्हाई जी' की प्रस्तुति दी। उनके गीतो पर राजस्थान के लोक नर्तक पंकज मारवाड़ी ने अग्नि भवई नृत्य एवं चरी नृत्य की लुभा देने वाली पैरोडी प्रस्तुत की। पैरोडी गीत 'सागर पानी भरवा जाम सा' पर उन्होंने सिर पे पांच आग जले हुए घड़ो को लेकर नृत्य करना शुरू किया तो उपस्थित दर्शक रोमांच से भर उठे। उनके साथ चरी नृत्य करती हुई महिला कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी।

उनके साथ मैदान में उपस्थित दर्शक भी झूमते नजर आये।

कालबेलिया नृत्य ने किया सम्मोहित

राजस्थान के कलाकारों ने

सपेरो पर आधारित प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी। रेखा राव के गीत 'काल्यो कूद पड़े' पर बीन की धुन पर नृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियों ने सबका दिल जीत लिया। नृत्य खुशी और मुनमुन ने प्रस्तुत किया। समारोह में मुम्बई से ही आये राजस्थानी लोक गायक महेन्द्र भट्ट ने गायकी का जादू

बिखेरा। उन्होंने 'मारी तितरी', 'पीलू लूगड़ी','मै तो मेले में जाई रे' की

सुमधुर प्रस्तुतियां दी। अंजली गुप्ता ने राजस्थान के लोकगीत 'रेशम का

रूमाल' पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया। तो उसके बाद मृदु मेहरोत्रा ने

गीत 'रंगीलो म्हारो ढ़ोलना' पर नृत्य कर सबको झूमने पर विवश कर दिया। निशा में गायन की भी कई प्रस्तुतियां देखने को मिली। अंजली अग्रवाल ने गीत 'म्हारी छन्न पछेली हाथा मा' की प्रस्तुति दी तो सुर ताल समूह की महिलाओं ने गीत 'पल्लो लटके म्हारो पल्लो लटके' की प्रस्तुति दी। समूह में अंजली अग्रवाल, अंकिता, जयन्ती, रेखा, अंशिका, सोनल एवं सुनीता शामिल रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात उद्यमी

केशव जालान रहे। संचालन जगदीश्वरी चैबे, अपूर्वा श्रीवास्तव, नेहा, ओजस्वी एवं सुकेशी ऋषभ ने संयुक्त रूप से किया।