इसलिए पड़ता है ये सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये घटना तभी होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है। इस दौरान पृथ्वी से देखने पर लगता है कि सूर्य को पूरे या आंशिक रूप से चंद्रमा ने ढक सा लिया है। इसे ही सूर्यग्रहण माना जाता है।

अमावस्या पर सूर्य ग्रहण महत्वपूर्ण

गुरुवार को अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने से यह महत्वपूर्ण होता है। यह प्रशांत और हिन्द महासागर दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, मोजांबिक, ज़िम्बाब्वे, मैडागास्कर, दक्षिणी अमेरिका, चिली, अर्जैंटीना, ब्राजील और अंटार्टिका जैसे कई देशों में देखा जा सकेगा।

नासा की लाइव स्ट्रीमिंग से देखें

हालांकि भारत में यह साल का पहला सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। ऐसे में यहां पर जिन लोगों को ये सूर्य ग्रहण देखना है वो लोग निराश न हों। वे नासा की लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए सूर्य ग्रहण देख सकते हैं। ज्योतिषों के मुताबिक यहां पर ग्रहण का सूतक भी नहीं माना जाएगा।

साल के ये दो और सूर्य ग्रहण

आज के बाद इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई और तीसरा सूर्य ग्रहण 11 अगस्त को पड़ेगा। बतादें कि सामान्य तौर पर सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं। पहला होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा होता है आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

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