RANCHI (2 छ्वह्वठ्ठद्ग): चतरा जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र के कुपा गांव का रहनेवाला सुशील श्रीवास्तव अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद कई बड़े वारदातों को अंजाम दिया था। शुरु में वह भोला पांडेय गिरोह के लिए काम करता था। इस गिरोह के लिए उसने कई लोगों की हत्या भी कर दी थी। इस वजह से गैंगस्टर भोला पांडेय ने खलारी से कुजू तक का जिम्मा उसे सौंप दिया था। पांडेय गैंग से जुड़कर सुशील ने भोला पांडेय के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली थी। वह कहां-कहां से वसूली करता था, सुशील इससे वाकिफ हो चुका था। ऐसे में भोला पांडेय ने सुशील से किनारे कर दिया।

बना लिया अपना गिरोह

पांडेय गैंग से अलग होने के बाद सुशील श्रीवास्तव ने अपना गिरोह तैयार किया। गिरोह में शूटर्स लाए गए और धीरे-धीरे पतरातू से लेकर हजारीबाग तक इसने अपनी पैठ बना ली। यहीं से पांडेय गिरोह के साथ सुशील श्रीवास्तव की अदावत शुरू हो गई। दोनों गैंग के बीच कई बार भिड़ंत हुई। गोली चली और बम विस्फोट भी हुए। इन घटनाओं में दोनों ही गुट के कई लोग मारे भी गए।

अपराधी अनिल शर्मा का मिला साथ

सुशील श्रीवास्तव के गैंग ने धीरे-धीरे रैक ट्रांसपोर्टिग और कोयला उठाव के धंधे में दखल देना शुरू किया। यदि इसमें कोई अदावत करता तो उसे वह मौत की नींद सुला देता था। अपराध की दुनिया में वह तेजी से आगे बढ़ रहा था। इसी दौरान रांची जेल में बंद अनिल शर्मा से उसकी जान-पहचान हो गई। इसके बाद वह अनिल शर्मा के नाम का धौंस दिखाकर कोयला उठाव के बड़े टेंडर लेने अथवा मैनेज करने के धंधे में अपनी पकड़ बना ली थी।

दो साल पहले की बेटी की शादी

सुशील श्रीवास्तव को एक बेटा व एक बेटी है। करीब दो साल पहले उसने अपनी बेटी की शादी बेंगलुरु में ठाठ-बाट से की थी। इस शादी में शामिल होने के लिए झारखंड से कई लोग शामिल गए थे।

2005 से जेल में था सुशील

गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव जेपी मंडल कारा में वर्ष 2005 से सजा काट रहा था, जबकि 2005 के पहले भी कई बार वह जेल जा चुका था। रामगढ़ जिले के छह मामलों में उसकी मंगलवार को हजारीबाग कोर्ट में पेशी हुई थी, जबकि उसके गिरोह के दो शूटर्स अलग-अलग मामलों को लेकर कोर्ट में आए थे।