कई मशहूर किताबें लिखीं
स्वीडिश एकेडमी ने 67 वर्षीय स्वेतलाना के लेखन को अपने समय की पीड़ा और साहस की निशानी बताया है। उनकी कृतियों को 'वॉयसेज ऑफ यूटोपिया' का नाम दिया गया है। इसमें पूर्व सोवियत संघ में लोगों के जीवन के अलावा 1986 के चेर्नोबिल परमाणु हादसे, अफगानिस्तान में रूस की लडाई और दूसरे विश्व युद्ध का वर्णन किया गया है। उनकी किताबों का विश्व की कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी मिले हैं। लेकिन विवादास्पद रूप से रूसी भाषषा में लिखी उनकी किताबें उनके देश में प्रकाशित नहीं हुई। उनकी पहली किताब 'वार्स अनवोमैनली फेस' 1985 में प्रकाशित हुई। इसकी 20 लाख प्रतियां बिक चुकी हैं।

पत्रकार व शिक्षिका रहीं

स्वेतलाना का जन्म 31 मई, 1948 को यूक्रेन में हुआ। उनके पिता बेलारूस के और मां यूक्रेन की थीं। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्वेतलाना ने पत्रकार व शिक्षिका के रूप में काम किया। शुरआती दौर में पत्रकार रही हैं। अब भी उसी तरह ग्राउंड वर्क और रिसर्च करने में यकीन करती हैं। जैसे, वॉयसेस ऑफ चेर्नोबिल लिखने के लिए पहले वे चेरनोबिल जाकर कुछ महीने रहीं और वहां उन पत्रकारों के संपर्क में रहीं जिन्होंने इस त्रासदी को कवर किया था। फिर वे इस दुर्घटना में पीड़ित हुए लोगों, डॉक्टरों, अग्निशमन कर्मचारियों वगैरह 500 लोगों से मिलीं। इसलिए उन्होंने इस किताब को पूरा करने में दस साल का समय लिया।

साहित्य नोबेल विजेता महिलाएं
सेल्मा ओटालिया लोविसा लाजरोफ (स्वीडन, 1909), गे्रजिया डेलेड्डा (इटली, 1926), सिगरिड उंडसेट (नॉर्वे, 1928), पर्ल एस. बक (अमेरिका, 1938), गेब्रिएला मिस्त्राल (चिली, 1945), नेली साक्स (स्वीडन--जर्मनी, 1966), नेडिन गोर्डिमर (दक्षिण अफ्रीका, 1991), टॉनी मोरिसन (अमेरिका, 1993), विसलावा जिमबोर्सका (पोलैंड, 1996), एल्फ्रीड जेलिनेक (ऑस्टि्रया, 2004), डोरिस लेसिंग (इंग्लैंड, 2007), हर्टा म्यूलर (जर्मनी--रूमानिया, 2009), एलिस मुनरो (कनाडा, 2013) और स्वेतलाना एलेक्सीविच (बेलारूस, 2015)।

inextlive from World News Desk

 

International News inextlive from World News Desk