बच्चों को मिल रहा घटिया क्वालिटी का स्वेटर
>Meerut। एक तरफ मौसम में गर्माहट बढ़ रही है तो दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग अभी तक भी बच्चों को स्वेटर बांटने का काम नहीं कर पाया है। जबकि विभाग की ओर से स्वेटर बांटने की डेडलाइन को तीन फरवरी से आगे खिसकाकर 10 फरवरी कर दिया गया है।
200 रूपये में स्वेटर
विभाग को प्रति बच्चा दौ सो रूपये में स्वेटर बांटने के निर्देश मिले थे। हैरानी की बात यह है कि जहां बाजार में इतने कम रूपये में स्वेटर उपलब्ध नहीं हैं वहीं शासन की ओर से तय राशि पर बच्चों को लो क्वालिटी का स्वेटर दिया जा रहा है।
दूसरी िकस्त जारी
जिला स्तर पर हो रही स्वेटरों की खरीद के लिए शासन ने इसकी दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। दूसरी किस्त के लिए विभाग को लगभग 10 लाख से अधिक रूपये जारी किए गए हैं। इस योजना से सरकारी स्कूल में पढ़ रहे तकरीबन एक लाख 19 हजार बच्चे लाभांवित होंगे।
बच्चों के स्वेटर के लिए दूसरी किस्त जारी हो गई है। स्वेटर वितरण के लिए भी डेट आगे बढ़ाकर 10 फरवरी कर दी है। एक लाख रूपये से ऊपर की खरीद के लिए टेंडर व्यवस्था होने से थोड़ा अधिक समय लग रहा है।
तेजिंदर, इंचार्ज
दो सो रूपये में स्वेटर मिलना काफी मुश्किल हो रहा है। मानकों के अनुसार स्वेटर उपलब्ध नहीं हैं। शासन की ओर से इतने कम पैसों में स्वेटर नहीं मिल पाएं तो जाहिर है कि मात्र खानापूर्ति ही हो रही है।
राकेश तोमर, अध्यक्ष, उ.प्र प्राथमिक शिक्ष्ाक संघ
स्वेटर में क्वालिटी का काफी फर्क है। इतने कम दाम में स्वेटर उपलब्ध ही नहीं हैं। किसी तरह से स्वेटर का वितरण किया जा रहा है।
नीरज, पदाधिकारी, अध्यक्ष, उ.प्र प्राथमिक शिक्षक संघ