- जनवरी से अब तक 21 केस एनएसडीसी दिल्ली टेस्ट को भेजे, 18 पॉजिटिव, 3 संदिग्ध

--पिछले एक हफ्ते में 4 मरीजों की स्वाइन फ्लू से हो चुकी है मौत

DEHRADUN:

उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू पूरी तरह से दस्तक दे चुका है। हर रोज स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं। जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू के 21 केस नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनएसडीसी) दिल्ली टेस्ट के लिए भेजे जा चुके हैं। जिनमें से क्8 केस पॉजिटिव आए हैं। जिनमें सबसे ज्यादा क्क् देहरादून के मामले हैं। जबकि फ् मामले अब तक संदिग्ध पाए गए हैं। जिनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इधर पिछले 8 दिनों में ब् मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट जारी है।

स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर

उत्तराखंड में जनवरी से अब तक ख्क् मामले स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं। जिसमें से क्8 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि फ् मामले मरीज मैक्स, सीएमआई, दून अस्पताल में भर्ती हैं। जो क्8 केस पॉजिटिव आए हैं उनमें से क्क् देहरादून, फ् यूपी और ब् अन्य जिलों से आए हैं। जो संदिग्ध मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनमें से क् टिहरी, क् पौड़ी, ख् देहरादून के मरीज हैं। सीएमओ डॉ। टीसी पंत ने बताया कि सोमवार को एक और केस पॉजिटिव आया है। जिससे अब सूबे में क्8 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। जिले के सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। और किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। उन्हें ट्रीटमेंट देकर घर भेज दिया गया है।

आइसोलेशन वार्ड में क्0 बेड

राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वाइन फ्लू को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। वार्ड में अब तक क्0 बेड रखे गए हैं। दून अस्पताल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि अभी तक क्0 बेड वार्ड में रखे गए हैं। जैसे-जैसे मरीज बढ़ेंगे, वैसे ही बेड बढ़ा दिए जाएंगे।

क्या है स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू की तीन कैटेगरी ए, बी और सी होती है। ए, बी कैटेगरी के मरीजों में सामान्य लक्षण होते हैं। ऐसे मरीज घर में ही आराम करके ठीक हो सकते हैं। कैटेगरी सी के मरीजों का ही लैब परीक्षण करवाने की आवश्यकता होती है। इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। स्वाइन फ्लू के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। जिससे एचक्एनक् वायरस की पहचान की जाती है।

क्या करें--

-खांसते और छीकते समय टीशू से कवर रखें। इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें।

- बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

- जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।

-स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें। नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें। -जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन चार दिन से तेज बुखार हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।