- बैलेंस कट जा रहे लेकिन, कैश का ट्रांजेक्शन नहीं हो रहा

- शॉप ओनर्स और कस्टमर्स के बीच रोजाना हो रही कहासुनी

BAREILLY:

कैश की समस्या से निपटने के लिए स्वाइप सर्विस एक बेहतर ऑप्शन है। केंद्र सरकार इससे जुड़ने की अपील भी कर रही हैं। ताकि, लोग एटीएम कार्ड से भुगतान को आदत में शुमार कर सकें। इसी के साथ हली कैशलेस इंडिया की शुरुआत हो सके। नोट बंदी के बाद कार्ड के जरिए भुगतान करने का चलन भी बढ़ा हैं, लेकिन स्वाइप सर्विस में नेटवर्किंग का पंगा फंस गया है। जिस वजह से लोगों के अकाउंट से बैलेंस तो कट जा रहे हैं, लेकिन शॉप ओनर्स को ऑनलाइन कैश का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में रिलेटेड व्यक्ति की परेशानियां बढ़ जा रही है। वैसे, रुपया कटने को लेकर ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं हैं। आप इस बात की शिकायत हेल्प लाइन नंबर पर कर सकते हैं।

नेटवर्किंग सिस्टम से कनेक्ट

शॉप और शोरूम पर लगी स्वाइप मशीन किसी न किसी बैंक्स के नेटवर्किंग सिस्टम से जुड़ी होती है। इसके बदले बैंक्स शॉप ओनर्स से प्रति स्वाइप के हिसाब से चार्ज करती हैं। नोट बंदी के बाद से शहर में जितनी भी बढ़ी शॉप या शोरूम हैं, वहां पर इन दिनों स्वाइप के जरिए ही कैश लिए जा रहे हैं। स्वाइप मशीन के जरिए कैश का भुगतान करने में सहूलियत भी हो रही हैं, लेकिन पुअर नेटवर्किंग लोगों के लिए परेशानी पैदा कर दे रही है।

और कट जाता है बैलेंस

पुअर नेटवर्किंग से इन दिनों बैलेंस कटने की समस्या काफी बढ़ी है। स्वाइप मशीन में कार्ड स्वाइप करने और ट्रांजेक्शन होने तक नेटवर्क स्ट्रांग होना चाहिए। तभी कैश एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो पाता है। कनेक्टिविटी पुअर होने पर कस्टमर के अकाउंट से रुपया कट तो जाता है, लेकिन बिल नहीं निकलता है। ऐसे में, पेमेंट को लेकर कस्टमर और शॉप ओनर के बीच नोकझोंक भी हो रही है।

तो करें शिकायत

बैलेंस कटने पर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। सब्र से काम लेते हुए 24 घंटे तक वेट करें। बैलेंस दोबारा अकाउंट में नहीं आने पर जिस भी बैंक का आपके पास एटीएम कार्ड है उस बैंक के हेल्प लाइन नंबर या संबंधित बैंक के अधिकारियों से इस बात की शिकायत कर सकते हैं। फिर भी कोई सुनवाई नहीं होती है, तो हर बैंक का एक सेल होता है वहां पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। एक निर्धारित समय पर कैश नहीं मिलने आप कैश के साथ हर्जाना पाने के भी हकदार होंगे।