बैंक द्वारा स्वाइप मशीन का हर तीन माह बाद कॉरपोरेट चार्ज लिया जाता है

Meerut। नोटबंदी के दौरान ज्यादातर व्यापारी स्वाइप मशीन का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन जैसे ही नई मुद्रा चलन में आई बाजारों से स्वाइप मशीन गायब होने लगाी। दरअसल, शहर के कुछ व्यापारी ने नोटबंदी के दौरान बैंकों से इस्तेमाल के लिए स्वाइप मशीन ली थी लेकिन अब व्यापारी उन मशीनों को ज्यादा कॉरपोरेट चार्ज की बात कहकर वापस बैंक में जमा कर रहे हैं।

कॉरपोरेट चार्ज ज्यादा

बैंक अधिकारियों की मानें तो बैंक द्वारा स्वाइप मशीन का हर तीन माह बाद कॉरपोरेट चार्ज लिया जाता है। जिसे देने से व्यापारी बचना चाहता है। वहीं व्यापारियों की मानें तो कॉरपोरेट चार्ज के नाम पर बैंक द्वारा अधिक वसूली की जाती है। इसलिए वह मशीनों को वापस कर रहे हैं।

बंद किया स्वाइप करना

व्यापारियों का यह भी कहना है कि अब लोगों ने ही स्वाइप मशीन पर कार्ड स्वैप करना बंद कर दिया है। हम कहते भी हैं तो वह कैश दे देते हैं। बिना कार्ड स्वैप किए हम स्वाइप मशीन का कॉरपोरेट चार्ज बैंक को कहां से देंगे।

छोटे व्यापारी ने नोटबंदी के दौरान हर शर्त को मानकर स्वाइप मशीन ले ली थी। परंतु अब व्यापारी यह बोलकर मशीन वापस कर रहे हैं कि इसकी सर्विस अच्छी नहीं है।

एसबी साह, उप शाखा प्रबंधक, कैंट

बैंक द्वारा अधिक चार्ज लगाने के कारण स्वाइप मशीन का प्रयोग बंद करा हुआ है। जल्द किसी और बैंक की स्वाइप मशीन लेकर लगा ली जाएगी।

विशाल शर्मा, व्यापारी

नेटवर्क की समस्या के कारण ट्रांजेक्शन फंस जाती है और ग्राहक लड़ता है कि हमारा तो बैंलेस काट गया। इसके बाद वह दोबारा कार्ड स्वाइप नहीं करता।

शलभ मित्तल, व्यापारी

ग्राहक द्वारा ही कार्ड स्वाइप करना बंद कर दिया है। कभी-कभी कोई व्यक्ति आकर ही स्वाइप करता था। ऐसे में बैंक द्वारा मोटा चार्ज भी लगाया जा रहा था इसलिए स्वाइप मशीन वापस कर दी है।

मनीष गुप्ता, व्यापारी