RANCHI : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) कक्षा नौ से बारह तक के सिलेबस में बदलाव करने जा रहा है। इन कक्षाओं का सिलेबस, परीक्षा पैटर्न, मूल्यांकन की प्रक्रिया सभी सीबीएसई की तरह होंगी। बुधवार को जैक अध्यक्ष डॉ। अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में हुई पाठ्यक्रम समिति की बैठक में बदलाव पर चर्चा हुई। दरअसल सीबीएसई ने 10वीं व 12वीं के सिलेबस में बदलाव किया है, लेकिन जैक ने अभी तक अपग्रेड नहीं किया था। निर्णय हुआ कि अगले सिलेबस कमेटी की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस पर जैक बोर्ड की मुहर लगने के बाद स्वीकृति के लिए विभाग को भेजा जाएगा। बदले सिलेबस को सत्र 2018-19 से लागू करने की कोशिश होगी। बैठक में जैक उपाध्यक्ष फूल सिंह, सदस्य संजीत कुमार मिश्रा, यमुना गिरि, डॉ। दीपचंद राम कश्यप व डॉ। प्रशांत पांडेय थे।

स्कूलों व कॉलेजों को स्थापना अनुमति

रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल में बुधवार को अध्यक्ष डॉ। अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में मान्यता समिति की बैठक हुई। इसमें गंगा प्रसाद बुधिया सरस्वती विद्या मंदिर मोरहाबादी, रांची को स्थायी प्रस्वीकृति के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया। इसके अलावा तीन उच्च विद्यालयों व पांच इंटर कॉलेजों की स्थापना अनुमति प्रदान करने का निर्णय हुआ। दो संस्कृत विद्यालयों के प्रस्वीकृति की अनुशंसा भी सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में सदस्य सह विधायक अनंत ओझा, संयोजक सचिव रजनीकांत वर्मा अजय गुप्ता, रामावतार प्रसाद केशरी थे।

स्थानीय विषयों को पढ़ेंगे बच्चे

जैक मुख्य तौर पर 12वीं के भूगोल, इतिहास, कॉमर्स, ¨हदी व अंग्रेजी के सिलेबस के बदलाव की तैयारी में है। सोशल साइंस में स्थानीय विषयों का ध्यान रखते हुए सिलेबस तैयार किया गया है ताकि झारखंड के बच्चों को झारख्ाड की संस्कृति, परंपरा, भूगोल तथा यहां के महापुरुषों के बारे में पढ़ाने की तैयारी है।

डीपीएसई के सिलेबस में होगा संशोधन

बैठक में डिप्लोमा प्री स्कूल एजुकेशन (डीपीएसई) के लिए तैयार किए गए सिलेबस को रखा गया। चर्चा के बाद कहा गया है इसमें संशोधन की जरूरत है। सिलेबस को पुन: कमेटी में रखा जाएगा। डीपीएसई कोर्स राज्य के बीएड कॉलेजों में संचालित होंगे। इस कोर्स को करने के बाद नर्सरी का शिक्षण करने की योग्यता होगी। इसके लिए पहली बार सिलेबस तैयार हो रहा है। बैठक में जैक की अवकाश तालिका तथा शैक्षिक पंचांग को अनुमोदित किया गया।

स्टेप मार्किंग का होगा कड़ाई से पालन

सीबीएसई में स्टेपवाइज मार्किंग होती है। वैसे जैक में भी स्टेप मार्किंग लागू है, लेकिन यहां परीक्षक को स्टेप मार्किंग की प्रक्रिया ही मालूम नहीं होती है। सीबीएसई में उत्तरपुस्तिकाओं के जांच के समय परीक्षक को मॉडल आंसर उपलब्ध कराया जाता है जिसके तर्ज पर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होता है। यहां मार्किंग का डिविजन होता है। जैसे अंग्रेजी लिटरेचर में कंटेंट, फ्लूऐंसी व एक्यूरेसी पर अंकों का विभाजन होता है। यही लचीलापन जैक भी अपनाएगा ताकि छात्रों को उचित अंक मिले।

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