आरयू के 51 टीआरएल टीचर्स की सेवा गणना 15 जुलाई 1989 से होगी

इसी माह स्पेशल सीनेट की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा प्रस्ताव

RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा(टीआरएल) के 51 टीचर्स हैं। इनकी सेवा गणना 15 जुलाई 1989 से की जाएगी। इसे गुरुवार को वीसी डॉ रमेश पांडेय की अध्यक्षता में हुई इमर्जेट सिंडिकेट की मीटिंग में हरी झंडी मिल गई। अब इसी महीने होने वाली स्पेशल सीनेट की बैठक में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव को अप्रूवल के लिए राजभवन भेजा जाएगा। मीटिंग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ। दिनेश उरांव, प्रोवीसी डॉ। एम रजीउद्दीन सहित सभी मेंबर्स मौजूद थे।

कट ऑफ डेट 1989 क्यों

टीआरएल टीचर्स को योजना मद से गैरयोजना मद में 15 जुलाई 1989 को रखा गया था, इसलिए इसे ही कट ऑफ डेट माना गया। यह कट ऑफ डेट जेपीएससी द्वारा कंफर्म होने के एक वर्ष बाद तक का इंक्रीमेट मिलेगा। जेपीएससी ने 18 अप्रैल 2006 को टीआरएल के टीचरों की सेवा कंफर्म की थी, क्योंकि साल 2006 के बाद इन टीचरों को इंक्रीमेंट मिल रहा है। यानी 16 साल का एकमुश्त इंक्रीमेंट इनके वेतन में जुड़ेगा।

टीचर्स को होंगे ये फायदे

राजभवन द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति दिए जाने के बाद टीआरएल शिक्षकों का वेतन निर्धारण 16 इंक्रीमेंट जोड़कर किया जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव को एचआरडी में अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। एचआरडी से स्वीकृति मिलते ही एरियर और नए वेतनमान के अनुसार प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाएगा। एरियर मद में टीचर्स को लाखों रुपए मिलेंगे। वहीं, हर महीने इन टीचर्स का वेतन भी बढ़ जाएगा।