सीरिया में शांति लाने की पहल

इस संघषर्विराम का लक्ष्य सीरिया सरकार के प्रतिनिधियों और विपक्ष को राजनीतिक बदलाव पर चर्चा करने के लिए जेनेवा में फिर से वार्ता की मेज पर लाना है। संयुक्त राष्ट्र के दूत स्टाफन डी मिस्तूरा ने घोषणा की है कि अगर संघर्षविराम का बड़े स्तर पर पालन किया जाता है तो शांति वार्ता सात मार्च से शुरू होंगी। अगर ऐसा होता है, तो यह पहली बार होगा जब अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं सीरिया में पांच सालों से चल रहे गृह युद्ध की स्थिति के बीच कुछ हद तक शांति ला पाएंगी।

सभी करेंगे इस शांति पहल का स्वागत

सीरिया में शांति की सफलता के लिए कई सशस्त्र धड़ों की ओर से संघषर्विराम का पालन किए जाने की आवश्यकता होगी। यह संघषर्विराम इसलिए भी और कमजोर है क्योंकि यह इस्लामिक स्टेट समूह और नुसरा फ्रंट के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की अनुमति देता है। इससे बड़े स्तर पर युद्ध फिर शुरू हो सकता है। सीरिया की आंतरिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने विपक्ष समेत 100 विद्रोही अन्य समूहों ने संघर्षविराम की सफलता पर संदेह जताया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बावजूद इसका पालन करेंगे।

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