-मेयर प्रकरण में नगर निगम की बेमियादी हड़ताल

-पब्लिक भुगतेगी सिस्टम की गलती का खामियाजा

-कान में तेल डालकर सोया रहा पुलिस और प्रशासन

-आखिर क्यों हरकत में नहीं आई शहर की पुलिस

-मांग पूरी न होने पर धरने के अंतिम दिन लिया निर्णय

-सफाई कर्मचारी सड़कों पर लगाएंगे कूढ़े का ढे़र

-रोडवेज बस अड्डों पर तालाबंदी कर किया जाएगा चक्का जाम

Meerut: होर्डिग माफिया और मेयर के आपसी विवाद ने मासूम शहरवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। मेयर प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए नगर निगम कर्मचारियों ने पूर्ण कालिक हड़ताल शुरू कर दी है।

तीन दिवसीय धरना असफल

शहर में निगम की ओर से अवैध होर्डिग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान मेयर हरिकांत अहलूवालिया के साथ होर्डिग माफिया ज्ञानेन्द्र चौधरी व उसके गुर्गो ने धक्का मुक्की कर दी थी, जिसकी सूचना मेयर ने जब एसपी सिटी ओमप्रकाश को दी तो, उन्होंने भी मेयर को आड़े हाथों लेते हुए सड़कों पर पंचायत बंद करने को कहा। इस बात से गुस्साए पार्षदों व नगर निगम कर्मचारियों ने काम काज छोड़कर तीन दिवसीय प्रतीकात्मक धरना देते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

कार्रवाई नहीं हुई तो हड़ताल

चेतावनी और तीन दिवसीय धरने के बाद भी प्रकरण में कार्रवाई न होने से गुस्साए निगम कर्मचारियों ने पूर्ण कालिक हड़ताल की घोषणा कर दी। कर्मचारियों ने धरने के आखिरी दिन हड़ताल के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए हड़ताल कॉल ऑन कर ली।

सड़कों पर जमा होगा कूड़ा

निगम कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि गुरुवार को शहर की सड़कों को कूड़े से पाट दिया जाएगा। इस दौरान शहर के मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गो व सार्वजनिक स्थलों को कूड़े के ढ़ेर में तब्दील कर दिया जाएगा।

क्षेत्रीय दफ्तरों पर भी ताला

हड़ताल के दौरान निगम के जोनों में खोले गए सभी क्षेत्रीय दफ्तरों को भी बंद रखा जाएगा।

डिपो रहेंगे बंद

मेयर के समर्थन में उतरे गुस्साए कर्मचारियों ने निगम की वाहन डिपो को बंद रखने के एलान किया है। हड़ताल के दौरान निगम की कोई भी गाड़ी न तो कूड़ा उठाने जाएगी और न ही सीवेज साफ करने।

झेलनी होंगी समस्याएं

-ट्रैफिक व्यवस्था डिस्टर्ब

-शहर में चौराहों समेत सरकारी आवासों पर फैलेगी गंदगी

-नहीं हो सकेंगे दफ्तरी काम

-बच्चों को स्कूल जाने में रहेगी परेशानी

-टैक्स नहीं जमा कर पाएंगे शहरवासी

बॉक्स--

कुंभकरणी नींद में प्रशासन

मेयर प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए नगर निगम के कर्मचारियों ने दफ्तर की तालाबंदी कर तीन दिवसीय प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन किया था, जिसके बाद मांग पूरी न होने पर पूर्णकालिक हड़ताल की घोषणा की थी। इस बीच ताज्जुब की बात यह है कि न केवल घटना के समय, बल्कि धरने के दौरान भी जिला प्रशासन की ओर से कोई स्टैंड नहीं लिया गया और सिस्टम के इस फेल्योर ने पब्लिक के सामने महा संकट खड़ा कर दिया।

बॉक्स

पुलिस के संरक्षण में माफिया

मेयर के साथ घटी घटना को आज जबकि एक सप्ताह हो गया है, बावजूद इसके पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है, जिससे सीधा अनुमान लगाया जा सकता है कि होर्डिग माफिया को पुलिस का संरक्षण किस कदर प्राप्त है। हालांकि मेयर की ओर से सभी आरोपियों को नामजद करते हुए सीधा मुकदमा दर्ज कराया गया है, लेकिन पुलिस अब तक कान में तेल डालकर सोई हुई है।

बॉक्स

क्या कर रहे थे नगर आयुक्त

मेयर प्रकरण के चलते पिछले तीन दिनों से नगर निगम में तालाबंदी और कामकाज ठप कर दिया गया है। ऐसे में निगम के मुखिया नगर आयुक्त खुद न केवल सैर सपाटा करने में लगे हैं, बल्कि पूरे मामले में चुप्पी भी साधे हैं। हालांकि कर्मचारी यूनियन के नेताओं व पार्षदों ने भी नगर आयुक्त से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी, लेकिन नगर आयुक्त की ओर से इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई तो दूर एक बयान तक नहीं आया।

हमारा क्या कसूर

मेयर शहर हित में कार्य करा रहे थे। इस दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा उन पर किया गया हमला निदंनीय है। इसके लिए पूरी तरह से पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। हम पुलिस तंत्र का खामियाजा क्यों भुगते।

-कृष्णकांत शर्मा, गढ़ रोड

हालांकि मेयर वाजिब कार्य करने में जुटे थे, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं यह मामला एसपी सिटी और मेयर की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। हड़ताल में शहर की जनता इन दोनों की प्रतिष्ठा का खामियाजा भुगतेगी।

-काजी शादाब, कोतवाली

नगर निगम की हड़ताल के कारण शहर के लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पडे़गा। हमारे गणमान्यों और पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को कोई भी निर्णय जन हित को ध्यान में रखकर लेना चाहिए।

-गरिमा त्यागी, एनजीओ संचालक

पूरे प्रकरण में पुलिस और प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। नगर निगम की ओर से पूर्णकालिक हड़ताल शुरू कर दी गई है। हड़ताल के लिए पूरी तरह से शासन प्रशासन जिम्मेदार है।

-हरिकांत अहलुवालिया, मेयर

हमने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी समस्या रखी थी, लेकिन पुलिस की ओर से आरोपियों पर कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। पूर्णकालिक हड़ताल की घोषणा कर दी गई है।

-अनीस अहमद, अध्यक्ष कर्मचारी यूनियन

नगर आयुक्त ने किया फोन बंद

मामले में अग्रिम कार्रवाई के विषय में जानने के लिए नगर आयुक्त के सरकारी नंबर पर संपर्क साधा गया लेकिन उन्होंने अपना फोन पूरे समय बंद किए रखा.े