- सप्लाई का जिम्मा लेने से नगर निगम कर रहा की आनाकानी

- कम स्टाफ का हवाला देकर नहीं लेना चाहता जिम्मेदारी

- पांच स्थानों से जल निगम कर रहा है गंगाजल भी सप्लाई

Meerut। गंगाजल की सप्लाई पर कहीं ब्रेक न लग जाए। पांच माह बीतने के बाद भी नगर निगम ने गंगाजल की सप्लाई को टेकओवर नहीं किया है। नगर निगम कह रहा है कि जब तक स्टाफ पूरा नहीं होगा। तब तक गंगाजल की सप्लाई का जिम्मा नहीं लेंगे।

19 अप्रैल को हुई थी सप्लाई

जल निगम ने 19 अप्रैल को गंगाजल की सप्लाई सर्किट हाउस से शुरू की थी। जल निगम ने तीन घंटे सप्लाई की थी। महापौर ने बिना अनुमति की सप्लाई करने और पाइप लाइन की सफाई न करने की बात कहकर सप्लाई को रूकवा दिया था।

2011 थी समय सीमा

शहरवासियों को गंगाजल देने का प्रोजेक्ट 2011 में पूरा होना था। जबकि 2008 में इस पायलेट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। अधिकारियों की माने तो लाइन बिछाने के लिए मिलने वाली परमिशन ने इस प्रोजेक्ट में देरी कर दी।

परमिशन में देरी

एनएच-58 पर जब जल निगम द्वारा पाइप लाइन बिछाने की बात आई तो एनएचएआई से परमिशन मांगी गई। लेकिन एमएचएआई ने परमिशन देने में देरी कर दी। वहीं मलियाना रेलवे लाइन में रेलवे ने परमिशन देने में देरी लगाई।

780 किलोमीटर लाइन

जल निगम ने पेयजल के लिए गंगाजल सप्लाई के लिए 780 किमी लंबी लाइन बिछाई है। जिसमें 21 किमी बड़ी लाइन बिछाई गई है।

341.3 करोड़ खर्च

गंगाजल परियोजना को पूरा करने में जल निगम ने 341.3 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विभाग की माने तो पांच साल में देरी से प्रोजेक्ट की लागत नहीं बढ़ी है।

ट्रीटमेंट प्लांट

जल निगम ने भोले की झाल पर 100 एमएलडी गंगाजल का ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखा है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में 100 मिलियन लीटर रोजाना पानी की जांच होती है।

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वर्जन

गंगाजल की सप्लाई से बहुत फायदा हो रहा है। पहले जहां पानी की सप्लाई नहीं आती थी। वहीं अब पानी का प्रेशर बिना मोटर के ही तेज आता है।

-प्रतुल चौधरी, फूलबाग कॉलोनी

गंगाजल की सप्लाई से फायदा हुआ है। सुबह और शाम पानी आ जाता है। पानी बहुत साफ आता है। पहले जो नगर निगम की सप्लाई का पानी आता था वह गंदा होता था।

-राजीव सहरावत फूलबाग कॉलोनी

गंगाजल की सप्लाई का पानी बहुत साफ आ रहा है। पहले की तरह पानी में अब न तो बदबू आती है। न ही गंदा पानी आता है। प्रेशर भी तेज है।

-विवेक, नेहरूनगर

हमारे यहां पानी की कमी नहीं है। नदियों का देश है। लेकिन उसका प्रॉपर मैनेजमेंट नहीं किया जाता है। यहां पर ठीक से काम हुआ तो गंगाजल मिलने लगा। पहले बार सुनकर ही ताज्जुब हुआ था।

-अमित कुमार, कल्याण नगर

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर निगम को गंगाजल सप्लाई को हैंडओवर करना होगा। ज्यादा दिन तक हमारे लिए भी चलाना संभव नहीं होगा। यदि तो नगर निगम एमओयू साइन करे और हमें मेंटीनेंस का खर्चा दे। कुछ न कुछ तो करना होगा।

-रामहेत सिंह, गंगाजल प्रोजेक्ट अधिकारी

गंगाजल की सप्लाई के लिए पूरा स्टाफ चाहिए। हमारे पास स्टाफ की कमी है। जब तक स्टॉफ पूरा नहीं होगा, तब तक गंगाजल की सप्लाई का जिम्मा हम नहीं लेंगे।

-संजीव रामचंद्र जीएम जलकल विभाग नगर निगम

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आई नेक्स्ट ने उठाया था मुद्दा गंगाजल सप्लाई की खबर को आई नेक्स्ट ने सबसे पहले ब्रेक किया था। खबर पढ़ते ही शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी।