- केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से ट्रांसपोर्टर्स की बातचीत बेनतीजा

- एसोसिएशन ने किया खाने-पीने के साथ जरूरी सामानों की ढुलाई भी ठप करने का फैसला

- आज से बंद हो सकती है जरूरी समानों की आवाजाही, राशन से लेकर फल और सब्जियों की हो जाएगी दिक्कत

GORAKHPUR: ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की हड़ताल से अब गोरखपुराइट्स की मुश्किलें बढ़ना तय है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत फेल होने के बाद एसोसिएशन ने अब खाने-पीने के साथ ही जरूरी सामानों की ढुलाई भी न करने का फैसला किया है। ऐसे में अब राशन से लेकर फल, सब्जी भी शहर में नहीं पहुंचेगी। गुड्स ट्रंासपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंह की मानें तो मंगलवार से जरुरी समानों की आवाजाही पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा। व्यापारी संगठन के नेताओं के मुताबिक अभी स्टाक में पर्याप्त माल है, लेकिन आगे से माल न आने से परेशानी बढ़ सकती है।

बढ़ सकते हैं दाम

ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का सीधा असर अब आम आदमी के ऊपर पड़ना तय है। जरूरी सामान शहर में न पहुंचने से इनके दामों में इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं कुछ व्यापारी हड़ताल का फायदा उठाने में लग गए हैं। एक ओर ट्रकों की आवाजाही कम होने का नुकसान कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है, वहीं पूरी तरह से हड़ताल की घोषणा के बाद कारोबारियों ने आने माल डंप करना शुरू कर दिया है। वहीं सिर्फ अफवाहों के बीच कुछ व्यापारियों ने जरूरी चीजों के दाम बढ़ा दिए हैं। सिर्फ पांच दिनों में आलू से लेकर दाल तक के भाव आसमान छूने लगे हैं।

मुश्किलें बढ़ना तय

फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सोनकर की मानें तो फल मंडी में अभी तक किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी, लेकिन खाने-पीने और जरूरी सामानों की ढुलाई भी बंद हो जाने से अब मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अगर यह हड़ताल दो-चार दिन में खत्म नहीं हुई, तो लोगों की जेब पर भी इसका असर आएगा। इस मामले में चेंबर ऑफ ट्रेडर्स के अश्विनी अग्रवाल की मानें तो साहबगंज मंडी में अभी एक सप्ताह भर का स्टॉक मौजूद है। गाडि़यों की आवाजाही अगर पूरी तरह बंद हो गई तो एक सप्ताह बाद से प्रॉब्लम बढ़ना शुरू हो जाएगी।

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से अपील की जा रही है कि वह जरुरी सामानों की आवाजाही न रोकें, लेकिन गाडि़यां कम आने से कुछ व्यापारी इसका फायदा जरूर उठा रहे हैं, यह पूरी तरह गलत है।

नितिन कुमार जायसवाल, नेता, संयुक्त व्यापार मंडल

केंद्रीय परिवहन मंत्री से बातचीत बेतनीजा निकली है। इसलिए एसोसिएशन ने अब खाने-पीने के सामान की ढुलाई भी न करने का फैसला किया है। हमारी मांगे जनहित की थीं, लेकिन उन्हें नहीं माना गया।

- मनीष सिंह, अध्यक्ष, गुड्स-ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन