एस्टोनिया भले ही एक छोटा सा बाल्टिक मुल्क हो और उसकी राजधानी की आबादी महज़ चार लाख हो लेकिन ट्रेफिक जाम वहां भी लगते हैं।

ट्रामें इस शहर के चारों तरफ़ फैले हसीन नज़रों के बीच रहने वाले लोगों को शहर के मध्य में लेकर आती हैं लेकिन इस शहर का प्रशासन चाहता है कि और ज़्यादा लोग इन ट्रामों का इस्तेमाल करें। इस इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए प्रशासन सार्वजनिक यातायात को पूरी तरफ़ से मुफ्त कर दिया है।

'प्रदूषण कम होगा'

टैलिन के उपमहापौर तावी आस कहते हैं " टैलिन में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का प्रदूषण में हिस्सा महज़ चार फ़ीसदी है जबकि 54 फ़ीसदी प्रदूषण कारों से आ रहा है। इसलिए यही एक तरीका है लोगों को कारों का इस्तेमाल कम करने के प्रति उत्साहित करने का."

शहर का प्रशासन चाहता है कि शहर में चल रही कम से कम 20 फ़ीसदी कारों में चलने वालों को खींच कर वो ट्रामों में ले आयें। आस कहते हैं "आज पूरी दुनिया की राजधानियां टैलिन की तरफ़ देख रही हैं। अगर हम सफल होते हैं तो कमाल हो जाएगा टैलिन ग्रीन कैपिटल हो जाएगी."

टैलिन के प्रशासन की योजना को शहर के लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। हाल ही में कराए गए एक जनमत सर्वेक्षण में जितने लोगों ने मत डाले थे उनमे से तीन चौथाई ने इस योजना का समर्थन किया।

हालाँकि शहर में ट्रामों पर चलने वाले कई लोगों ने इस योजना का विरोध भी किया और सवाल किया कि मुफ्त यात्रा का खर्चा किसकी जेब से जाएगा।

शहर प्रशासन का कहना है कि वो टिकटों की बिक्री से आने वाली एक तिहाई रकम की व्यवस्था कर सकते हैं जबकि बाकी के पैसे के लिए प्रशासन पार्किंग की दरें और शहर के बंदरगाह पर आने वाले क्रूज़ जहाज़ों पर कर बढ़ाने का विचार बना रहा है।

संशय

कीट पेनटस जो की राष्ट्रिय सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं उनकी मन में इस योजना को लेकर कुछ शंकाएं हैं। पेनटस कहती हैं। " जो लोग सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल नहीं करते वो लोग ऐसा इसलिए नहीं करते क्योंकि सार्वजनिक परिवहन प्रयाप्त सुविधाजनक और उन्नत नहीं है। और अगर आप टिकट नहीं लगाएगें तो नई उन्नत परिवहन व्यवस्था के विकास के लिए पैसा कहाँ से आएगा। "

पेनटस यह भी कहती हैं कि इसके मुफ़्त होने की वजह से टैलिन में पड़ने वाली कड़ाके की ठण्ड के दौरान शहर की ट्रामें और इनके स्टेशन बेघर लोगों का स्थायी अड्डा बन जायेगें।

इस व्यवस्था के खिलाफ़ बात करने वालीं पेनटस केली नहीं हैं। पूर्व सांसद और टैलिन के पर्यावरण शोध संस्थान से जुड़े वॉलडर लातवी कहते हैं " यह मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए उठाया गया एक कदम है। इसके अलावा मुफ्त यात्रा लोगों को उनकी आरामदेह कारों के बाहर नहीं खींच सकती। इसकी वजह से जो लोग बढ़ेगें वो केवल वो होंगे जो थोड़ी दूर तक पैदल चल लिया करते थे। "

यह अगली जनवरी तक पता लगेगा कि दरअसल टैलिन ने दुनिया के लिए कोई नया उदहारण पेश किया है या फिर महज़ राजनितिक शोशेबाजी के नतीजे में उठाया गया यह कदम बकवास साबित हुआ।

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