अपने देश की खोली पोल
मुंबई में 2008 में हए आतंकी हमला मामले की जांच की अगुवाई करने वाले पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) के पूर्व प्रमुख तारिक खोसा ने इस मामले में अपने ही देश की पोल खोल दी है। तारिक ने कहा है कि उनके देश को उस हमले का खामियाजा भुगतना होगा, जिसकी साजिश उसकी धरती पर रची गई और वहीं से उसे अंजाम दिया गया। अब पाकिस्तान को इस सच्चाई का सामना करना होगा और गलतियां स्वीकारनी होंगी।

तारिक ने कबूली एक-एक बात
खोसा ने स्वीकार किया कि 26/11 मुंबई हमला मामले के सात आरोपियों के खिलाफ सुनवाई में जानबूझकर देरी की गई। पाकिस्तान को हमले के साजिशकर्ताओं और मास्टरमाइंड को न्याय के कठघरे में लाना सुनिश्चित करना होगा। पाकिस्तानी अखबार डॉन में लिखे एक लेख में खोसा ने कहा कि मामले में बचाव पक्ष का टालमटोल वाला रवैया, न्यायाधीशों का बार-बार बदला जाना, अभियोजक की हत्या के साथ ही कुछ अहम गवाहों का मुकरना पाकिस्तानी अभियोजकों की बड़ी नाकामयाबी थी।

अजमल कसाब था पाकिस्तानी
उन्होंने कहा कि रूस के उफा शहर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच सहमति बनी थी कि मुंबई हमला मामले में पाकिस्तानी संदिग्धों के खिलाफ सुनवाई में तेजी लाने के लिए आवाज के नमूने लेने समेत दोनों देश चर्चा के जरिए रास्ता निकालेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि मामले में गिरफ्तार किए गए आतंकी अजमल कसाब को पाकिस्तान अपना नागरिक होने की बात से इनकार करता रहा है, जबकि वास्तव में वह पाकिस्तान का ही निवासी था, उसकी प्रारंभिक शिक्षा भी पाकिस्तान में ही हुई थी, जिसके बाद वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ा।

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