JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स, इंजन डिवीजन के ऑटो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में कार्यरत धीरेंद्र कुमार (ब्भ्) की मौत गुरुवार को 8.फ्0 बजे कंपनी कैंपस में हो गई। परिजनों के मुताबिक धीरेंद्र कुमार की ड्यूटी बी शिफ्ट में थी, लेकिन उन्हें सुबह 8 बजे फोन कर जनरल शिफ्ट में बुलाया गया। आनन-फानन में घर से तैयार होकर 8.ख्0 में कंपनी पहुंचे और करीब 8.फ्0 बजे पंचिंग की। इसके बाद धीरेंद्र कुमार को चक्कर आने लगा। कुछ मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इसके बावजूद धीरेंद्र कुमार को टाटा मोटर्स हॉस्पिटल के आईसीयू में एडमिट किया गया और कुछ समय बाद बताया गया कि वे अब नहीं रहे.उधर, कंपनी मैनेजमेंट का कहना है कि धीरेंद्र की मौत टाटा मोटर्स हॉस्पिटल के आईसीयू में हुई है। जहां ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर्स ने धीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। वे दिल के मरीज थे और उनका ट्रीटमेंट चल रहा था।

हॉस्पिटल में जुटी भीड़

धीरेंद्र कुमार की पत्नी पुनीता देवी ने बताया कि सुबह 9 बजे टाटा मोटर्स के दो कर्मचारी उनके टेल्को रोड नंबर ख्म् के-टू 7 नंबर क्वार्टर पहुंचकर खबर दी की उनके पति की तबियत खराब है। उन्हें टाटा मोटर्स हॉस्पिटल में एडमिट करया गया है। धीरेंद्र के परिजन यह खबर सुनकर सीधे हॉस्पिटल पहुंचे। कुछ मिनट बाद आईसीयू के अंदर से डाक्टरों ने आकर कहा कि धीरेंद्र कुमार नहीं रहे। इसके बाद परिजनों व वर्कर्स ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आक्रोशित लोगों ने डॉक्टरों के कार्यों पर अंगुली उठाई और मैनेजमेंट की नीतियों निंदा करने लगे। देखते-देखते आईसीयू कैंपस में भारी भीड़ एकत्रित हो गई। माहौल को बिगड़ते देख हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इस घटना की खबर टेल्को पुलिस को दी। फिर कुछ समय बाद टेल्को पुलिस भी मौके पर पहुंची तथा हो-हंगामे को शांत कराया।

पहुंचे यूनियन के पदाधिकारी

घटना की खबर मिलने के तुरंत बाद टेल्को यूनियन के प्रसिडेंट अमलेश कुमार व महामंत्री प्रकाश कुमार के नेतृत्व में दर्जनों पदाधिकारी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी तो उचित न्याय दिलाने का भी आश्वासन दिया। चिकित्सकों को भी खरी-खोटी सुनाई।

प्लांट हेड से की बात

यूनियन प्रसिडेंट अमलेश कुमार व महामंत्री प्रकाश कुमार के नेतृत्व में यूनियन का प्रतिनिधिमंडल जनरल ऑफिस में जाकर एचआर हेड रवि सिंह से मिला, फिर ई-आर अधिकारी राजीव श्रीवास्तव व पीके कौशल से मिलकर उन्हें भी खरी-खोटी सुनाई। मैनेजमेंट की ओर से सामान्य मौत बताई जा रही थी जिस पर बिफ रे यूनियन नेताओं ने स्पष्ट कहा कि आइओडब्ल्यू इंज्यूरी ऑन व‌र्क्स के तहत मृतक के परिजन को स्थायी नौकरी देनी होगी। वहां बात नहीं बनने की स्थिति में यूनियन नेता प्लांट हेड एबी लाल के चैंबर में पहुंचकर उनसे भी मृतक के आश्रित को नौकरी दिलाने की मांग की।

तबतक नहीं उठेगी बॉडी

हॉस्पिटल कैंपस में जमे धीरेंद्र कुमार के परिजनों का कहना था कि मृतक परिवार को जब तक स्थायी नौकरी देने का लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा शव नहीं उठेगा। वहीं मृतक के दोनों बच्चे जो वैली व्यू के छात्र है उन्हें उच्चतर शिक्षा मुहैया कराने समेत अन्य मांगें भी की। परिजनों का आरोप था कि काम के दबाव में धीरेंद्र की मौत हुई है। उसके मुंह से खून निकल गया था तथा सर पर कपड़ा बंधा हुआ था।

मृतक के दादा थे डिप्टी प्रेसीडेंट

मृतक के दादा आरएस सिंह प्रख्यात मजदूर नेता माइकल जॉन के समय में टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के डिप्टी प्रेसीडेंट थे। वहीं, पिता राम अयोध्या सिंह टाटा मोटर्स प्लांट वन के कर्मचारी थे।