- एक ही नम्बर की दो-दो पर्चियों से बुक हो रहा टिकट

BAREILLY:

तत्काल टिकट के खेल ने मंडे रेलवे जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर बवाल करा दिया। जब गोलमाल करने वाले दलालों की पर्ची काउंटर से गायब हो गई। लिहाजा, पब्लिक आज लाइन में आगे हो गई और दलाल पीछे। ऐसा तब संभव हुआ जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने संडे रात और मंडे मॉर्निग में लगायी गयी पर्चियों को अपने पास सुरक्षित रख लिया। सुबह काउंटर ओपन होने से पहले दलाल पहुंचे, उन्हें पर्ची नहीं मिली तो लाइन में आगे लगी पब्लिक से वह झगड़ा करने लगे।

पर्ची उठी तो लाइन में हो गए पीछे

'रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल टिकट में पर्ची से गोलमाल' हेडलाइन से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने तत्काल टिकट में खेल का खुलासा किया था। इस क्रम में मंडे को कई चौंकाने वाले वाकये सामने आये। फॉर्म उठाने के बाद रिपोर्टर ने लाइन में लगे लोगों से पूछा आप में से किसी का फॉर्म तो नहीं है। सभी ने फॉर्म उनका न होने की बात कही। अनूप नाम के एक व्यक्ति ने पहले फॉर्म उठाने का कारण पूछा। फिर बताया कि उसने भी एक फॉर्म लगाया था, क्योंकि फॉर्म रखा देख उसने भी नंबर लगा दिया था। लिहाजा, उसे फॉर्म वापस कर दिया गया। इसके बाद दो और लोग पर्ची मांगे और बताया कि इसे सिस्टम समझ कर काउंटर पर पर्ची लगा दिये थे। इसके अलावा किसी पर्ची के दावेदार नहीं आए।

दलाल काट रहे पर्ची

पर्ची उठने के बाद लाइन में आगे-पीछे होने पर तत्काल टिकट को लेकर रिजर्वेशन काउंटर पर मंडे को दलाल यात्रियों से भिड़ने के लिए तैयार हो गए। दलाल और यात्रियों के बीच जम कर कहासुनी हुई। इसी बीच बरेली जंक्शन के सीआरएस एके शर्मा पहुंच गए। उन्होंने किसी तरह मामला संभाला और टिकट लेने पहुंचे यात्रियों को रिजर्वेशन काउंटर के लाइन में लगा कर फॉर्म पर नंबरिंग की। आपको बता दें कि दलाल रिजर्वेशन काउंटर को रात से ही अपने कब्जे में लेकर तय समय पर कटने वाली तत्काल टिकट कटवा लेते हैं। जबकि आम यात्री लाइन मे खड़े रह जाते है। सबसे खास बात यह देखने को मिली कि 1 और 3 नम्बर की काउंटर पर दो-दो पर्चियां थी। इससे साबित हो जाता है कि नंबरिंग का यह खेल दलाल ही कर रहे हैं। क्योंकि, ऑफिशियल नंबरिंग में एक ही नम्बर दो पर्ची पर हो ही नहीं सकता है।

सुबह 5 बजे से काउंटर पर लगा हूं। मेरे आगे एक लोग थे, लेकिन जब काउंटर खुला तो कई लोग मेरे आगे आ गए। उनका कहना था कि मैं पर्ची रख कर काम से गया था।

वीरपाल राठौर, यात्री

यहां पर लाइन में लगने का कोई नियम-कानून नहीं है। जो पहले आए उस हिसाब से नंबरिंग होकर टिकट बनने चाहिए। लेकिन यहां पर पहले से ही पर्ची काउंटर पर पड़ी हुई थी।

जयराम, यात्री