-आईआरसीटीसी की साइट में छेड़छाड़ कर सेकेंडों में कर रहे खेल

-स्पेशल साइट से करते हैं टिकट बुकिंग, एक साथ फिल कर सकते हैं कई पैसेंजर्स से जुड़ी सारी डिटेल

-पूरे गिरोह को पकड़ने की फिराक में आरपीएफ, चल रही छापामारी

kumar.abhishek@inext.co.in

JAMSHEDPUR: शिवानी को अर्जेट इंटरव्यू देने दिल्ली जाना है, मगर ट्रेन में जगह नहीं है। सोचा तत्काल है ना। सुबह जाकर स्टेशन पर खड़ी हो गई टिकट बुकिंग कराने के लिए लाइन में लग गई। लाइन में तीसरा नंबर था। सोचा अब तो सीट मिल जाएगी। मगर जैसे ही शिवानी का नंबर आया तत्काल में भी वेटिंग हो गई। आखिर इतनी जल्दी सीट कहां चली गई। कौन हमारी सीट ले जा रहा है। ऐसे कई सवाल सिर्फ शिवानी के मन में नहीं बल्कि उन सैकड़ों लोगों के जेहन में आते हैं, जो तत्काल के लिए स्टेशन पर खड़े रहते हैं। हमारे कोटे की ये सीट कोई और नहीं बल्कि दलाल ले जा रहे हैं। जिसे वे औने-पौने दाम पर बेच रहे हैं। इसका खुलासा आरपीएफ की क्राइम ब्रांच टीम ने किया है। तत्काल टिकट में चल रहे दलाली के खेल पर लगातार निगाह रखी आरपीएफ टीम ने कोडरमा और जमशेदपुर में छापेमारी कर इसका भांडा फोड़ दिया। हालांकि अभी ये जांच का विषय है कि ये दलाल साइट को किस तरह हैक कर धड़ल्ले से टिकट कंफर्म कर रहे थे। इसको लेकर आरपीएफ जमशेदपुर की टीम भी लगातार छापेमारी कर रही है।

ट्रैवल एजेंसी में चल रहा खेल

अधिकांश ट्रैवल एजेंसी में तत्काल के टिकट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। काउंटर पर टिकट न मिलने के बावजूद इन एजेंसी संचालकों से संपर्क कर आसानी से कंफर्म टिकट लिया जा सकता है। बस इसके लिए कंफर्म टिकट के किराए से अधिक पैसे का भुगतान करना पड़ेगा। इसका खुलासा आरपीएफ टीम ने किया। जब साकची स्थित शुभम ट्रैवल्स एजेंसी में छापा मारा और उसके संचालक को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। यहां से कंफर्म तीन तत्काल टिकट भी आरपीएफ को मिले। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि ये लोग आईआरसीटीसी से एक के बजाए कई आईडी बना कर रखते हैं। साथ ही ये जिस कंप्यूटर से टिकट बुकिंग करते हैं, उसमें एक साथ कई लोगों की डिटेल भरी रहती है। आरपीएफ की टीम अभी भी लगातार टाटानगर रेलवे स्टेशन के आसपास के साथ जमशेदपुर के अन्य इलाकों में छापामारी कर रही है। जिससे कि तत्काल के इस खेल पर पूरी तरह लगाम कसा जा सके। बता दें कि इससे पहले बंगलुरु सीबीआई टीम ने भी कोडरमा में छापामारी कर एक एजेंसी संचालक को पकड़ा था। जिससे पूछताछ में एक बात ये भी सामने आई थी कि वह तत्काल के खेल में भी इनवॉल्व है। हालांकि इसके पास से लैपटॉप, मॉडम के अलावा कई स्टांप भी बरामद हुए थे।

एक क्लिक में कर लेते हैं म् सीट कंफर्म

तत्काल टिकट का गिरोह चलाने वाले काफी हाइटेक हैं। वे ऐसे साफ्टवेयर का यूज कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ टिकट बुक करने की स्पीड अच्छी है, बल्कि समय से पहले ही उसमें पैसेंजर्स से जुड़ी सारी डिटेल फुल-फिल कर ली जाती है। इससे जैसे ही तत्काल टिकट बुकिंग का टाइम ओपेन होता है, उनके एक क्लिक करते ही सारी सीट कंफर्म हो जाती है। इससे जब तक रेलवे के काउंटर पर बुकिंग क्लर्क एक पैसेंजर्स की सारी डिटेल फुल करते हैं, तब तक ये दलाल सारी कंफर्म सीट बुक कर चुके होते हैं।

एक क्लिक पर खेल तो दो मिनट में कैसे मिलेगा टिकट

तत्काल टिकट का खेल करने वाले दलाल सिर्फ एक क्लिक पर न जाने कितने टिकट बुक कर लेते हैं। ऐसे में काउंटर से टिकट मिलना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन है। क्योंकि काउंटर पर बैठे एक बुकिंग क्लर्क को एक टिकट बुक करने में कम से कम दो मिनट का समय लगता है। इतनी देर में पूरे व‌र्ल्ड से तत्काल की सीट इन दलालों के खाते में जा चुकी होती है। ऐसे में काउंटर पर खड़ी पब्लिक को वेटिंग का टिकट या निराश होकर लेकर लौटना पड़ता है।

तत्काल टिकट में दलालों का खेल चल रहा था। इसके कारण पब्लिक को कंफर्म सीट नहीं मिलती थी। साकची से एक एजेंसी संचालक को पकड़ा है। पूछताछ चल रही है। साथ ही इस पूरे गिरोह को खत्म करने के लिए छापेमारी लगातार चल रही है। अभी यह पता नहीं चला है कि ये साइट को किस तरह हैक करते थे। मगर एक से अधिक आईडी बनाने के साथ ये लोग आईआरसीटीसी के सारे रूल तोड़ रहे थे।

-आरके मिश्रा, इंस्पेक्टर, आरपीएफ, टाटानगर

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तत्काल टिकट के लिए सुबह से आया था। लाइन में मेरा चौथा नंबर था। सोचा था कि टिकट कंफर्म मिल जाएगा। मगर जब तक मेरा नंबर आया, वेटिंग शुरू हो चुकी थी। जबकि अगर ट्रैवल्स एजेंसी से लिया जाए तो कंफर्म टिकट मिल जाता है।

विशाल

मुझे अचानक एक जरूरी काम के सिलसिले में दिल्ली जाना था। इसलिए तत्काल टिकट लेने समय से करीब तीन घंटा पहले स्टेशन पहुंच गया था। स्टेशन पर तत्काल टिकट के लिए जैसे ही मेरा काउंटर पर नंबर आया, वेटिंग शुरू हो गई। जबकि ज्यादा लोग भी नहीं थे।

बबई