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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: आज यंगस्टर्स की लाइफ स्टाइल में टैटू का क्रेज काफी हद तक सुमार हो चुका है। यंगस्टर्स के बॉडी पर अलग-अलग तरह के डिजायन में बने हुए टैटू देखने में भी काफी अट्रैक्टिव लगते हैं, लेकिन क्या आपको पता है इन्हें बनवाते वक्त अगर जरा सी भी चूक हुई तो इससे कई जानलेवा बीमारियों को आमंत्रण मिलता है। एक शोध में पता चला है कि अगर टैटू बनवाते वक्त जरा सी भी असावधानी बरती गई तो फिर कैंसर, एचआइवी एड्स एवं हेपटाइटिस-सी जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। आइए आपको बताते है, आखिर कितना खतरनाक है आपके बॉडी पर खूबसूरत दिखने वाला ये टैटू। साथ ही ऐसी ही बीमारियों और उससे बचने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में

शोध में हुआ खुलासा

टैटू आपकी बॉडी पर जितना अट्रैक्टिव नजर आता है। यह आपकी बॉडी के लिए उतना ही नुकसानदेह भी है। ब्रिटिश साइंसटिस्ट ने एक खोज में पाया है कि टैटू बनाने के लिए यूज किए जाने वाले इंक में आर्सेनिक जैसे विषैले तत्व शामिल होते हैं। टैटू बनवाते वक्त इंक में मौजूद आर्सेनिक के छोटे-छोटे जहरीले कण बॉडी के बड़े अंगों में प्रवेश कर सकते हैं। जिसकी वजह से स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। जानकार मानते हैं कि बॉडी पर तिल वाले स्थान पर टैटू नहीं बनवाना चाहिए। तिल के आस-पास या तिल पर टैटू बनवाने से तिल में आ रहे बदलावों पर ध्यान नहीं जा पाता जो बाद में कैंसर का कारण हो सकता है। इससे हेप्पेटाइटिस-सी जैसी खतरनाक बीमारी के होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

यंगस्टर्स में टैटू का क्रेज

सिटी के यंगस्टर्स में टैटू का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है। टैटू बनवाने की रेस में ये किसी से पिछे नहीं हैं। यहां के यूथ टेम्पररी और परमानेंट, दोनों तरह के टैटू बनवा रहे हैं। टैटू बनाने वाले प्रोफेशनल आर्टिस्ट राहुल बताते हैं कि वे पिछले 6-7 सालों से टैटूज बना रहा है। उन्होंने आगे बताया कि सिटी में 70 परसेंट यूथ टेम्पररी टैटू और 40 परसेंट यूथ परमानेंट टैटूज बनवा रहे हैं।

ग‌र्ल्स एंड ब्वॉयज 50-50

सिटी में टैटू बनवाने वालों में ब्वॉयज के साथ ही ग‌र्ल्स का रेशियो भी करीब-करीब एक समान है। यहां ग‌र्ल्स ज्यादातर बटरफ्लाई, स्कॉर्पियो, फेयरी आदि डिजाइन की टैटूज बनवा रही है, जबकि ब्वॉयज ड्रैगन और स्कल डिजाइन वाले टैटूज को ज्यादा लाइक कर रहे हैं।

कलर्स में हैवी मेटल का यूज

टैटूज इंक में ज्यादातर हैवी मेटल का यूज होता है। इसमें मरक्यूरी, लेड, कैडमियम, निकेल, जिंक, क्रोमियम, कोबाल्ट, एल्यूमिमियम, टिटिनियम, कॉपर, आयरन जैसे हैवी मेटल्स यूज होते है। डॉक्टर्स के मुताबिक ये बॉडी के अंदर प्रवेश करने से कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारक बन सकते हैं।

पर स्क्वायर इंच का हिसाब

परमानेंट टैटू बनवाने में काफी पैसे खर्च होते हैं। इसका रेट 1500 हजार रुपये पर स्क्वायर इंच के हिसाब से चार्ज किया किया जाता है। टेम्पररी टैटूज की अगर बात की जाए तो यह टैटू 4 से 5 सौ रुपये में बन जाता है। वहीं परमानेंट टैटू बनवाने में कम से कम 3 घंटे का टाइम लगता है। सोच समझकर ही परमानेंट टैटूज बनवाएं, क्योंकि इसे रिमूव करना काफी मुश्किल है। परमानेंट टैटूज को रिमूव करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी या या फिर लेजर ट्रीटमेंट का सहारा लेना पड़ता है।

इसका रखें ध्यान

1. स्किन इंफेक्शन : टैटू बनाने के लिए जिन तत्वों का उपयोग किया जाता है। वे है कैडियम, निकिल, क्रोमियम और टाइटेनियम। ये तत्व आपके स्किन इंफेक्शन का कारण बन सकते है।

2. एड्स : टैटू बनाते समया एक व्यक्ति पर यूज की गई नीड्लि का दूसरे व्यक्ति पर यूज करने से एचआईवी (एड्स) के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए आपको ध्यान देना होगा कि टैटू बनवाते समय नीड्लि को जरूर चेंज किया गया हो।

3. एलर्जिक रिएक्शन : टैटू से एलर्जी के कारण रेड स्किनएजलन, सूजन और दर्द जैसी समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है।

4. हेपेटाइटिस-सी : टैटू बनाने के लिए पुरानी नीड्लि का यूज करने से हेपेटाइटिस-सी का खतरा बढ़ सकता है।

5. मसल्स को नुकसान होना : टैटू की कुछ डिजाइन बनाने के लिए नीड्लि को बॉडी में गहराई तक चुभाया जाता है। इससें मसल्स डैमेज होने का खतरा होता है।

ये सावधानियां हैं जरूरी

टैटू एक्सपर्ट : टैटू बनवाने के लिए किसी अच्छे प्रोफेशनल टैटू एक्सपर्ट के पास ही जाएं। ताकि उसके द्वारा की गई गलती का खामियाजा आपकों न भुगतना पड़े।

साबुन से न धोएं : टैटू बनवाने के बाद स्किन बहुत सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए 3-4 दिन तक उस पर साबुन नहीं लगाए। इससे स्किन इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।

साफ -सफाई का रखें ध्यान : टैटू बनवाते समय साफ -सफाई का पूरा ध्यान ध्यान रखना चाहिए। इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली नीड्लि, ग्लव्स और काम में आ रहे कलर्स साफ -सुथरे है या नहीं।

डॉक्टर से लें सलाह : अगर आपकी स्किन को कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स से एलर्जिक है तो संभव है कि टैटू बनाने में इस्तेमाल हुई इंक से भी स्किन में एलर्जी हो जाये। अगर स्किन बहुत सेंसिटिव है तो टैटू पार्लर जाने से पहले किसी स्किन के डॉक्टर को अवश्य दिखा लें।

चोट के ठीक होने का करें इंतजार : स्किन पर अगर किसी तरह की चोट या खरोंच आयी है तो बेहतर यही है कि थोड़ा इंतजार करें और घाव ठीक होने के बाद टैटू बनवाएं।

सिटी के ज्यादातर यूथ के हाथ में टैटू देखने को मिलता है। सूना है टैटू बनाने में बहुत दर्द होता हैं, लेकिन दर्द के बावजूद यूथ में टैटू के प्रति बढ़ता क्रेज देखकर आश्चर्य होता है। मेरे हिसाब से किसी डॉक्टर के सलाह के बिना टैटू नहीं बनवाना चाहिए।

पूजा कुमारी, स्टूडेंट

टैटू का शौक यंगस्टर्स में इस हद तक सुमार हैं कि उन्हें इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा ही नहीं है। टैटू बनवाते वक्त कई बातों का ख्याल रखना चाहिए। साथ ही टैटू हमेशा एक्सपर्ट से ही बनवाना चाहिए। ताकि आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़े।

अश्वनी सिंह, स्टूडेंट

परमानेंट टैटू बनवाने पर उसे आसानी से हटाया नहीं जा सकता। इस कारण यंगस्टर्स को कई बार गोर्वमेंट जॉब से हाथ धोना पड़ता है। यहां तक की कई प्राइवेट कंपनियों में भी टैटू पर रोक है। इसलिए यूथ को सोच-समझकर अपने बॉडी पर टैटू बनवाना चाहिए।

रिया प्रसाद, स्टूडेंट

टैटू बनवाते वक्त खास तौर पर सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है। इससे कई गंभीर बीमारियों के जड़ कर जाने का खतरा बना रहता है। अक्सर देखा जाता है कि यूथ अनट्रेंड लोगों से ही टैटू बनवा लेते है। जिस कारण उन्हें आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अजय अग्रवाल, स्टूडेंट