PATNA: दरअसल पहले फूड आइटम को जीएसटी में शामिल नहीं किया गया था। बाद में जब इस बात की घोषणा हुई कि इन प्रोडक्ट पर भ् प्रतिशत जीएसटी लगेगा तो व्यापारियों ने इसका विरोध किया। सरकार ने इसका हल निकालते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि कोई अपना ब्रांड नेम सरेंडर करेगा तो उसे टैक्स से छूट मिल जाएगी।

 

कारोबारियों के लिए राहत

बिहार चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल बताते हैं कि बिहार के फूड आइटम के व्यापारी टैक्स बचाने के लिए अपनी पहचान तक खो रहे हैं। वे अपना लोगो सरेंडर कर रहे हैं। उन्होंने इस कदम को सरकार का एक अच्छा कदम बताया। जानकारी हो कि इसका एक बड़ा बाजार है जिसमें कुछ छोटी-बड़ी कंपनियां हैं, जो कि ट्रेडमार्क यूज कर रहे हैं।

 

क्या है तरीका

ट्रेडर्स को जीएसटी कार्यालय जाकर अपना एक एफिडेविट जमा करना होगा कि वे ब्रांड नेम या लोगो को एक्सक्लूसिवली यूज नहीं कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें जीएसटी के भ् प्रतिशत के टैक्स से मुक्ति मिल जाएगी। इससे आने वाले समय में ब्रांड नेम छोड़ने वाले कंपनियों की संख्या में वृद्धि होगी।

 

यह फूड प्रोडक्ट की कंपनियों जैसे आटा, मैदा, सूजी, बेसन आदि प्रोडक्ट में डील करने वाली कंपनियों के लिए बेहतर अवसर है। बस उन्हें अपना ब्रांड लोगो को सरेंडर करना होगा।

-आशीष अग्रवाल, सीए