RANCHI : टैक्स कलेक्शन का काम कर रही स्पैरो कंपनी ने लोगों से टैक्स तो वसूला, लेकिन रांची नगर निगम के खाते में उसे जमा नहीं किया। छह माह पहले आवेदन करने के बाद भी जब लोगों को होल्डिंग नंबर नहीं मिला तो उन्होंने नगर निगम की वेबसाइट पर होल्डिंग नंबर का स्टेटस खंगाला तो टैक्स बकाया शो कर रहा था। ऐसे में जब लोगों ने जब विस्तार से छानबीन की तो टैक्स में वसूले गए पैसे के हेरफेर के गोरखधंधे का खुलासा हुआ। अब लोगों को डर सता रहा है कि होल्डिंग नंबर का क्या होगा?

घपले में टैक्स कलेक्टर भी

पिछले साल नवंबर 2016 में नगर विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निकायों में रेसिडेंशियल व कॉमर्शियल मकानों का सेल्फ असेसमेंट कराकर बढ़े हुए दर से टैक्स जमा करने के निर्देश जारी किए थे। सेल्फ असेसमेंट में लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए नगर निगम ने टैक्स कलेक्टरों को सहयोग करने को कहा था। वहीं, कई लोगों ने खुद असेसमेंट करने के बाद टैक्स कलेक्टर को फार्म भरकर टैक्स के पैसे जमा करने के लिए दिए थे। टैक्स कलेक्टर ने होल्डर्स को जो रसीद दी, उसमें पेड की कहीं कोई बात ही नहीं लिखी थी। ऐसे टैक्स कलेक्टर ने कुछ लोगों का पैसा ही नहीं जमा कराया। अब टैक्स कलेक्टर के घोटाले का खामियाजा टैक्स देने वालों को भुगतना पड़ रहा है।

स्पैरो के जिम्मे टैक्स कलेक्शन का जिम्मा

राजधानी के सभी 55 वार्डो में सेल्फ असेसमेंट का काम रांची नगर निगम ने स्पैरो कंपनी को दिया है। एजेंसी ने लगभग 50 करोड़ का टैक्स कलेक्शन करके निगम में जमा कराया था। इसके बदले एजेंसी को 16 परसेंट कमीशन का भुगतान किया जा चुका है। कुछ दिन पहले एजेंसी को टैक्स कलेक्शन के काम से मुक्त करने का आदेश नगर विकास विभाग ने दिया था, लेकिन बाद में एजेंसी का कमीशन घटाकर टैक्स कलेक्ट करने का काम फिर दे दिया गया है।

1.42 लाख लोग करा चुके हैं सेल्फ असेसमेंट

सिटी में ढाई लाख हाउस होल्डर हैं। इनमें 1.42 लाख लोग अपने मकानों का सेल्फ असेसमेंट करा चुके हैं। वहीं, 1 लाख 32 हजार लोगों को 15 डिजिट का नया होल्डिंग नंबर भी जारी किया जा चुका है, ताकि यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कौन सा मकान किस वार्ड में है। हालांकि, जिन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज आवेदन के साथ जमा नहीं किए हैं, उन्हें होल्डिंग नंबर जारी नहीं किया गया है।