विधानसभा निर्वाचन की डेट जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, वैसे ही प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं। नामांकन के बाद प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार प्रसार करने और जनता से अपने इरादे बताते हुए खुशहाली लाने के लुभावने वादे करेंगे। ऐसी ही चर्चाएं आई नेक्स्ट की मुहिम सेलेक्शन 2017 में हुई। जब चाय की दुकानों पर चुस्कियों पर सरकार बन रही है और खाली कप की तरह आगामी 5 सालों का भविष्य भी तय हो रहा है।

< विधानसभा निर्वाचन की डेट जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, वैसे ही प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं। नामांकन के बाद प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार प्रसार करने और जनता से अपने इरादे बताते हुए खुशहाली लाने के लुभावने वादे करेंगे। ऐसी ही चर्चाएं आई नेक्स्ट की मुहिम सेलेक्शन ख्0क्7 में हुई। जब चाय की दुकानों पर चुस्कियों पर सरकार बन रही है और खाली कप की तरह आगामी भ् सालों का भविष्य भी तय हो रहा है।

BAREILLY: BAREILLY: नॉवेल्टी चौराहे के पास स्थित संकेत विद्यालय के निकट स्थित चाय की दुकान पर लोग ठंड से बचने के लिए चाय की चुस्कियों का सहारा ले रहे थे। वहीं, चुनावी चर्चाओं का उबाल भी रह-रह कर उठ रहा था। ऐसे में जब आई नेक्स्ट की टीम वहां पहुंची तो दो से चार और चार से आठ होते देर न लगी. तभी बिल्डर अनुभव गुप्ता बोल पड़े 'गरीबों की थाली में पुलाव आ गया लगता है कि विधानसभा चुनाव आ गया'।

तभी वहां मौजूद मुख्तार अंसारी ने कहा कि अदम गोंडवी का शेर भले ही पुराना हो गया हो, लेकिन लगता है जैसे अभी की बात हो। चुनाव आते ही प्रत्याशी खुद को जनता का सेवक बताते हैं। गरीबों को खाना खिलाकर वोट लेते हैं, फिर भ् साल तक गरीब की भूख की परवाह नहीं करते। यह स्थिति जल्द सुधरने वाली नहीं।

उनकी बातें काटते हुए मोहम्मद एजाज बोल पड़े, यह स्थिति अब बदल गई है भाई। जनता सब जान चुकी है। अब वोट विकास के नाम पर मांगा जाता है। जनता की ज्यादातर वोटिंग भी विकास के नाम पर ही हो रही है

इतने में मुख्तार अंसारी ने टोकते हुए कहा कि, विकास के नाम पर अब वोटिंग कहां होती है। हाल ही में बरेली जिले की नौ विधानसभा क्षेत्रों की सीटों पर पार्टियों द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची ही देख लो। हर जगह चुनावी समीकरण बैठाने की कोशिश की गई है। यानि जाति और धर्म जहां ज्यादा प्रभावी है उसी प्रभाव को देखते हुए प्रत्याशी को टिकट दिया गया है।

इतने में चाय को हाथ में लिए हुए मोहम्मद आदिल बोल पड़े कि जाति और धर्म के नाम पर भले ही टिकट दिए जा रहे हों पर जनता वोट उसे ही देगी, जिसने सर्वाधिक काम अपने क्षेत्र में किया होगा। जो सुख और दुख में जनता के साथ खड़ा रहा होगा वही जीतेगा।

वहीं, काफी देर से शांत होकर चुनावी चर्चा को सुन रहे फैजी ने कहा कि सपा पहले चाहे जो करती रही हो। अब बागडोर अखिलेश ने संभाल ली है, तो जाति धर्म की बजाय विकास की बात होगी। बीजेपी भले ही विकास का राग गा रही हो, लेकिन विकास प्रदेश में अखिलेश यादव ने ही किया है। सीएम तो वहीं बनेंगे।

तभी पास में ख्ाड़े अनुभव ने अखिलेश यादव को विकास पुरुष बताने को खारिज करते हुए कहा कि नोटबंदी, भ्रष्टाचार और साफ सुथरी सरकार देने का माद्दा मोदी में है। जनता साफ-सुथरी छवि का नेता, बेहतर सरकार और विकास चाहती है। ऐसे में जनता जीत का सेहरा उन्हें ही पहनाएगी। उनका समर्थन पास में ही खड़े दिव्यांशु ने भी किया। कहा कि जाति धर्म प्रदेश में वोट की राजनीति का अहम हिस्सा बन चुका है। पर इस अहम हिस्से के साथ अगर विकास जुड़ा होगा तभी जनता सर आंखों पर बैठाएगी।

इतने में एक-एक कर चाय का प्याला खत्म होता गया और आखिर में चाय की चुस्की लेकर कप काे रखते हुए मुख्तार अंसारी ने कहा कि, भाई विकास अखिलेश ही करेंगे। बाकी सब चाहे जितनी बातें कर लें। यहीं पर चर्चा खत्म हुई।

मोदी सरकार ने जो फैसले लिए हैं जनता ने उनका स्वागत किया है। इससे जनता क्या चाहती है यह बताने की जरूरत नहीं।

अनुभव गुप्ता

विस चुनाव में पार्टियां कितनी जोर आजमाइश कर लें। पर वोट क्षेत्र और प्रदेश का विकास करने वाली पार्टी को ही जाएगा।

दिव्यांशु

पिता-पुत्र की टकराहट से प्रदेश को नुकसान पहुंचाने वालों की हार हुई है। अखिलेश की सरकार विकास की पैरोकार है।

मुख्तार अंसारी

जाति-धर्म के नाम पर वोट पड़ते हैं। प्रत्याशी तभी जीतेंगे जब उन्होंने विकास की पैरवी की होगी काम किया होगा तभी।

फैजी

आचार संहिता से पहले से लोग दुकान पर आकर सरकार बनने और बिगड़ने समेत उनकी नीतियों और भविष्य का आंकलन करते थे। पहले दोपहर या शाम को ही लोग राजनीति में चर्चा करते थे वहीं, अब यह सिलसिला दिन भर चलता रहता है। इधर, कुछ दिन से सपा और बीजेपी की ही बात चलती है। इन्हीं में से किसी की सरकार बनेगी।

नाजिम, टी स्टॉल ओनर