- स्कूली वाहन चेकिंग के दौरान साफ नजर आई परिवहन विभाग के प्रर्वतन दल की संवेदनहीनता

- चार अधिकारियों ने मौके पर एक दर्जन से अधिक चालान नहीं काट सके

LUCKNOW :

लगता है एटा की दर्दनाक घटना के बाद भी राजधानी के प्रवर्तन दस्ते ने कोई सबक नहीं लिया है। शनिवार को एक बार फिर बच्चों को ढोने में लगी बसों और वैन कीचेकिंग के नाम पर औपचारिकता पूरी की। चार से पांच अधिकारी एक ही जगह पहुंच गए और फिर गुनगुनी धूप, चाय का सिप और चुनावी चर्चा के साथ अभियान को दूसरा दिन पूरा कर लिया गया। भले ही अभियान के दौरान जिस गाड़ी को चेक किया गया, उन सभी में चालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे लेकिन प्रवर्तन दल के अधिकारियों ने एक भी लाइसेंस निरस्त तक नहीं किया। सिर्फ चालान कर गाडि़यों को फिर से सड़क पर फर्राटा भरने की छूट दे दी। प्रदेश में चल रहे स्कूली वाहनों की चेकिंग का हाल कैसा होगा जब राजधानी में प्रवर्तन दल इसे बोझ समझ कर निपटाने में जुटा है। आइये अब आप को दिखाते है प्रवर्तन दल के अधिकारियों की चेकिंग राजधानी में कहां और कैसे की

एक ही जगह डट गये

जगह- लोरेटो कानवेंट। टाइम-1.45 दोबारा बजे। प्रवर्तन दस्ते की एक गाड़ी मौके पर पहुंची और एआरटीओ प्रवर्तन बीके अस्थाना गाड़ी से उतरे। गाडि़यों की चेकिंग के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा। अभी वह गाडि़यां की चेकिंग शुरू भी नहीं कर पाए थे कि थोड़ी ही देर बार एआरटीओ प्रवर्तन आलोक कुमार और एआरटीओ प्रवीण कुमार का दस्ता भी यहां पहुंच गया। अभी समय अधिक नहीं बीता था कि पीटीओ नागेन्द्र बाजपेई और अनिता वर्मा भी मौके पर पहुंच गई। यहां पर जब मीडिया ने प्रवीण कुमार से जानकारी मांगी तो कि पिछले तीन दिन में कितने स्कूली वाहनों की जांच हुई और क्या सुबह भी स्कूली वाहनों की जांच हुई थी, इस बार वह भड़क गए। बोले हम आपके अनुसार जांच नहीं करेंगे। जांच कैसे करनी है हमें बखूबी पता है। खैर यहां पर इतने अधिकारियों ने मिलकर दस से बारह गाडि़यों की चेकिंग की और निकल गए।

कार्यालय खुलने पर सभी अधिकारियों को डाटा निकलवाया जाएगा कि किसने कितनी स्कूली गाडि़यां चेक की है। इस मामले में जिसने भी लापरवाही बरती है, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

- वीके सिंह

एडीशिनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पूवीर्1 प्रवर्तन

उड़ती मिलीं नियमों की धज्जियां

LUCKNOW:

जैसे ही प्रवर्तन दस्ते ने स्कूली वैन की चेकिंग के लिए वैन का दरवाजा खोला वह निकल कर जमीन में गिर गया। जल्दी से चालक ने कपड़ा से इसे बांधा और दरवाजा बंद किया। सिर्फ इतना ही ओवरलोडिंग को छिपाने के लिए चालकों वैन पड़ी अतिरिक्त बेंच को छिपाने के सीट के नीचे डाल दिया। सभी गाडि़यों में स्कूली बच्चे ठूंस ठूंस कर बिठाए गए थे। प्रवर्तन दल ने शनिवार को जिस स्कूली बस या वैन को चेकिंग के लिए रोका, उन सभी में खामियां मिली। लोरेटो कांवेंट के सामने प्रवर्तन दस्ते जान्हवी स्कूल ऑफ नर्सिग की बस यूपी 32 एफएन 5201 को रोका तो उसके चालक ने सीट बेल्ट लगाने की कोशिश की। लेकिन प्रवर्तन दस्ते ने उसे पकड़ लिया।

बिना फिटनेस दौड़ रही थी बस

सरस्वती डेंटल कॉलेज की बस यूपी 32 डीएन 0816 को रोका गया तो अधिकारियों के पांव के नीचे की जमीन निकल गई। बिना फिटनेस के यह बस रोड पर दौड़ती मिली। इतना ही नहीं चालक ने सीट बेल्ट भी नहीं पहन रखी थी। बच्चों के चलते चालान कर इसे आगे रवाना किया। मिलेनियम स्कूल की वैन (यूपी 32 डीएन 8965) में मासूम बच्चों को लेकर रोड पर चल रही थी। बिना फिटनेस के दौड़ रही इस स्कूली वैन के चालकों ने जमकर फटकार भी लगाई। इस गाड़ी की फिटेनस पिछले साल अक्टूबर में ही पूरी हो गई थी। इसमें सीएनजी लीकेज के लिए दिया जाने वाला प्रमाण पत्र भी नहीं था। सेंट फ्रांसिस स्कूल के बच्चों को ले जा रही वैन के पास भी फिटनेस नहीं थी।

शनिवार को अभियान के दौरान 72 गाडि़यों की पकड़ा गया जिसमें 24 को बंद किया गया। स्कूली वाहनों का चालान के बाद छोड़ दिया गया। इसके अलावा पांच बसों की फिटनेस न होने के कारण उन्हें बंद किया गया।

विदिशा सिंह, आरटीओ प्रवर्तन