- टीचर द्वारा स्टूडेंट को पीटने का मामला एक बार फिर से आया सामने

- स्कूल में पेरेंट्स पहुंचे कंप्लेन करने, सदर थाने में शिकायत की गई दर्ज

Meerut :

केस-क् तीन मई को वेस्ट एंड रोड स्थित गुरु तेग बहादुर के टीचर ने एक स्टूडेंट को इतनी बुरी तरह से पिटाई कर दी थी उसके एक कान से सुनाई देना बंद हो गया था. मामला सदर थाने में दर्ज किया गया था.

केस-ख् पांच मई को आरजी इंटर कॉलेज की स्टूडेंट्स, टीचर्स व प्रिंसिपल ने टीचर पर छात्राओं से उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस संबंध में डीआईओएस कार्यालय पर शिकायत पत्र भी पहुंचा था.

अभी टीचर द्वारा स्टूडेंट्स से बेरहमी से मारपीट व उत्पीड़न के दो मामले गर्म ही थे कि बुधवार को एक टीचर द्वारा बच्चे से मारपीट का एक और मामला सामने आया. नया मामला सदर स्थित एसएसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज का है, जिसके टीचर पर स्टूडेंट को बेरहमी से पीटने का आरोप लगा है. मामले में पेरेंट्स स्कूल प्रिंसिपल के पास बच्चे को लेकर शिकायत करने पहुंचे.

डंडी से मारने का लगाया आरोप

ब्रह्मपुरी निवासी नम्रता व सुनील वर्मा बुधवार को सनातन धर्म ब्वॉयज इंटर कॉलेज सदर पहुंचे. उनकी शिकायत थी कि क्लास क्0 एच में पढ़ने वाले उनके बेटे ऋषभ की कम्प्यूटर टीचर विकास ने बेरहमी से पिटाई की. ऋषभ की मां नम्रता ने बताया कि उसके बेटे को पहले से ही अस्थमा की बीमारी है. उसका इलाज डॉक्टर से चल रहा है. ऐसे में उसके साथ किसी भी तरह की घटना हो सकती थी. मां नम्रता ने बताया कि उनका बेटा रिषभ जब छुट्टी के बाद घर पर पहुंचा तो उसका हाथ बहुत सूजा हुआ था और वो कांप रहा था और हाथ पर नीला निशान था.

बिना बात के कर दी है पिटाई

रिषभ से जब उसकी पिटाई का कारण पूछा गया तो सब हैरान हो गए. उसने बताया कि उसके पानी की बोतल लीक कर रही थी और वह अपने पानी की बोतल बंद ही कर रहा था. उसे टीचर विकास ने डंडी से मारना शुरू कर दिया. रिषभ ने बताया कि उसने टीचर विकास द्वारा पिटाई का मामला अपने क्लास टीचर को भी बताया था, लेकिन क्लास टीचर ने भी उसकी बात का अनसुना कर दिया.

सदर थाने में मामला दर्ज

बुधवार को रिषभ के पेरेंट्स प्रिंसिपल के पास शिकायत लेकर पहुंचे. रिषभ की मां नम्रता ने बताया कि वह इसकी शिकायत सदर थाने में भी करा चुके हैं और अब पि्रंसिपल के पास भी शिकायत करने पहुंचे है.

स्कूल का होनहार बच्चा है रिषभ

रिषभ के पिता सुनील व मां नम्रता का कहना है उनका बेटा स्कूल में टीचर्स व प्रिंसिपल द्वारा कहे जाने वाली हर बात को ध्यान से सुनता है और उनपर अमल भी करता है. पढ़ाई में भी बहुत होनहार और अनुशासित बच्चा है. रिषभ के बारे में स्कूल के अन्य टीचर्स भी उसे बेहद होशियार बताते हैं.

होगा आमना-सामना

प्रिंसीपल डॉ. बीबी बंसल का कहना था इस संबंध में उनके पास शिकायत नहीं पहुंची है. जब पेरेंट्स शिकायत लेकर पहुंचे तो उनको भी काफी हैरानी हुई. प्रिंसिपल का कहना था कि सुबह एसेम्बली के बाद वह टीचर और पेरेंट्स से बात करेंगे. टीचर द्वारा स्टूडेंट को मारना बिल्कुल गलत है, इस संबंध में जो भी कार्रवाई संभव होगी जाएगी. स्कूल का हरदम प्रयास रहेगा कि किसी भी बच्चे को किसी तरह की परेशानी न हो.

सांस का मरीज है बच्चा

रिषभ को काफी समय से सांस की परेशानी है. डॉ. विरोत्तम तोमर ने बताया कि अभी तीन महीने पहले भी उनके पास दिखाने आया था तो उसको सांस की दिक्कत थी. मौसम बदलने पर उसे दिक्कत ज्यादा हो जाती है.

बच्चे को मारने जेल भी जाना पड़ सकता है

नार्वे में भारतीय माता-पिता को जेल

भ् दिसंबर ख्0क्ख् : ओस्लो/हैदराबाद-बेटे को मारने-पीटने के मामले में गिरफ्तार भारतीय दंपति को आखिरकार नार्वे में जेल भेज दिया गया है. नार्वे की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पिता चंद्रशेखर वल्लभनेनी को क्8 माह और मां अनुपमा को क्भ् माह की जेल की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष ने पिता के लिए क्8 माह और मां के लिए क्भ् माह की सजा की पेशकश की थी जिसे कोर्ट ने मान लिया.

- क्79फ् में पोलैंड में स्कूलों में बच्चों को दण्ड देने पर रोक लगाई गई.

-क्8फ्ब् में फ्रांस में शिक्षा मंत्री ने रोक लगाई.

-क्979 में स्वीडन घर में भी बच्चों को दण्ड पर रोक लगाने वाला पहला देश बना.

-क्989 में संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा ने बालअधिकारों पर प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि सभी राज्यों को बच्चों के शारिरिक एवं मानसिक दण्ड पर रोक लगानी चाहिए.

बनाया जा रहा है नया कानून

बच्चों को पीटा तो हो सकती है भ् साल की जेल..

पेरेंट्स, अभिभावकों या टीचर्स को बच्चों को पीटना या गालियां देना महंगा पड़ सकता है. बच्चों के खिलाफ ऐसा व्यवहार करने पर आने वाले सालों में पांच साल तक के लिए जेल की सजा हो सकती है. सरकार बच्चों पर होने वाली हिंसा के खिलाफ नया कानून लाने की तैयारी में है. बच्चों के खिलाफ होने वाली वाली हिंसा को रोकने के लिए सरकार कड़े कानूनों के ड्राफ्ट पर काम कर रही है. सरकार जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट ख्000 की जगह नए कानून पर काम कर रही है. पुराने कानूनों के स्थान पर सरकार जुवेनाइल जस्टिस (केयर ऐंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) बिल ख्0क्ब् पेश करने की तैयारी है. नए कानूनों को सरकार ने बच्चों के अधिकारों और इंटरनेशनल कानूनों को ध्यान में रखकर तैयार किया है.

प्रस्तावित प्रावधान

- 'शारीरिक दंड' देने के केस में अधिकतम पांच साल की जेल.

- रैगिंग दंडनीय अपराध होगा. दोषी व्यस्क छात्र को तीन साल की जेल और कॉलेज से निष्कासन.

- संस्थान का इंचार्ज यदि जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तो उसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान.

- बच्चों की खरीद-फरोख्त करना, सामान बेचने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना या बच्चों से शराब, नशीले दवा या ड्रग जैसे पदार्थ - सप्लाई कराने के मामले में दोषी को सात साल की सजा का प्रावधान

- आतंकी गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल करने वालों को सात साल की सजा.

पेरेंट्स की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है. इस मामले में नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गजेंद्र सिंह यादव, सीओ सदर