- पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहें हैं आंदोलन संविदा टीचर्स

-गवर्नमेंट द्वारा निस्तारण नहीं हुआ तो करेंगे उग्र आन्दोलन

DEHRADUN: पिछले कई दिनों से गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे कॉंन्ट्रेक्टेड पॉलिटेक्निक टीचर्स ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। टीचर्स ने कहा कि लंबे समय से चल रहे उनके आंदोलन को लेकर गवर्नमेंट गंभीर रुख नहीं अपना रही है। टीचर्स ने मांगों को लेकर गवर्नमेंट द्वारा जल्द निस्तारण न होने पर उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।

पांच सूत्रीय मांगों धरने पर बैठे

पॉलिटेक्निक कॉंन्ट्रेक्टेड टीचर्स ने ट्यूजडे को आमरण अनशन स्टार्ट कर दिया है। गवर्नमेंट की अनदेखी से नाराज चल रहे टीचर्स में से आहत पूनम रावत, जगदीश सिंह नेगी, संदीप उनियाल, मनीष भट्ट और विद्या नेगी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। आंदोलनकारी टीचर्स ने कहा कि गवर्नमेंट मांगों को लेकर सीरियस नहीं है, इसी कारण उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है। सोसायटी के स्टेट प्रेसीडेंट सर्वेश चौधरी के मुताबिक क्म् जुलाई से नया सेशन स्टार्ट हो चुका है, स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। लेकिन, इसके बावजूद भी गवर्नमेंट संजीदा रुख नही अपना रही है। प्रदर्शन करने वालों में खगेंद्र अवस्थी, संदीप गुसाई, संदीप घुनियाल, पूरन सिंह राणा, श्वेता, पूनम रावत, दिव्या नेगी, शीतल, महेश, महेश पाल, सुमित, सुभाष पाल, धीरेंद्र कुमार, दीपक आदि टीचर्स मौजूद रहे।

यह हैं पांच सूत्रीय मांग

- चार सालों के लिए स्वत: सेवा विस्तार करना

- लोक सेवा आयोग/समूह ग के दायरे से बाहर करना

- संविदा व्याख्याताओं का मानदेय फ्भ् हजार व संविदा कर्मशाला अनुदेशकों/कंप्यूटर प्रो का मानदेय ख्भ् हजार रुपए करना

- आयोग के दायरे से बाहर किए गए ब्क्ख् पदों पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टेड टीचर्स को नियुक्ति देने

- महिला टीचर्स को प्रेग्नेंसी के वक्त छुट्टी दिए जाने और क्क् महीने की सैलेरी के साथ ही क्ख् इमरजेंसी लीव देने की मांग।