- काउंसलिंग से पहले ही 55 टीचर्स का हुआ ट्रांसफर

- टीचर्स ने लगाया पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप

PATNA:

राजन पासवान सरकारी टीचर हैं। पटना में रहते हैं और पुनपुन प्रखंड के के लखना मिडिल स्कूल में पोस्टेड हैं। दोनों आंख से ब्लाइंड राजन संडे को मिलर हाई स्कूल इस उम्मीद से पहुंचे थे कि उनकी रोज की समस्या खत्म हो जाएगी। अब उन्हें मुश्किलों का समाना करते हुए पढ़ाने नहीं जाना पड़ेगा और पटना शहर के ही किसी स्कूल में उनकी पोस्टिंग हो जाएगी। लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं हुआ। टीचर्स के ट्रांसफर को लेकर संडे को मिलर हाई स्कूल में काउंसलिंग होनी थी। जिसे एन वक्त पर कैंसिल कर दिया गया। राजन कहते हैं कि पिछले एक साल से मैं अपना ट्रांसफर पटना शहर में करवाना चाह रहा हूं। लेकिन कोई अधिकारी तैयार नहीं हैं।

ट्रांसफर-पोस्टिंग में रुपए का खेल

मालूम हो कि पटना जिले के प्राइमरी स्कूल के टीचर संडे को पटना मिलर हाई स्कूल में काउंसलिंग के लिए जमा हुए थे। लेकिन टीचर्स ने यह कहते हुए जमकर हंगामा किया कि काउंसलिंग की जो लिस्ट निकाली गयी है उसमें वरियता का ध्यान नहीं रखा गया है। टीचर्स पैसे लेनदेन का आरोप भी अधिकारियों पर लगा रहे थे। संडे को सामान्य कोटी के टीचर्स की काउंसलिंग थी। ट्रांसफर पोस्टिंग में धांधली तब पकड़ में आयी जब जनवरी में प्रकाशित रिक्तियों की लिस्ट और बीस मार्च को प्रकाशित रिक्तियों की लिस्ट देखी गयी। जनवरी में रिक्तियों की जो लिस्ट प्रकाशित की गयी उसमें फुलवारीशरीफ के जिन स्कूलों में रिक्तियां दिखायी जा रही है वे स्कूल बीस मार्च वाले लिस्ट में नहीं हैं। बीस मार्च को प्रकाशित लिस्ट में फुलवारीशरीफ के दूसरे ही स्कूल का नाम है। टीचर्स का आरोप है कि इन स्कूलों में पैसा लेकर काउंसलिंग से पहले ही पोस्टिंग कर दी गयी है। राजेश कुमार बिहटा प्रखंड के मिडिल स्कूल तारानगर में पोस्टेड थे। लेकिन काउंसलिंग के पहले ही उन्होंने 9 मार्च को पटना सिटी में स्कूल ज्वाइन किया है। इसी तरह काउंसलिंग से पहले ही शीला कुमारी को भी ट्रांसफर किया गया है। शीला उत्क्रमित मिडिल स्कूल मसौढी में पोस्टेड थीं। लेकिन पिछले दिनों उन्होंने शास्त्रीनगर के स्कूल में योगदान दी। मसौढी के एक टीचर बचनदेव कुमार कहते हैं कि अधिकारी घूस लेकर काउंसलिंग के पहले ही कुछ टीचर्स को उनके पसंद की जगह पर योगदान दिलवा दिये हैं। टीचर्स का आरोप है कि काउंसलिंग के पहले ही पैसे लेकर पचपन टीचर्स का ट्रांसफर कर दिया गया है।

लिस्ट में है भारी उलट-फेर

डीईओ ऑफिस से सबसे पहले नवंबर ख्0क्ब् में स्कूलों से टीचर्स की वरियता लिस्ट मांगी गयी थी। लेकिन इस आवेदन को किसी कारणवश कैंसिल कर दिया गया। टीचर्स का आरोप है कि लिस्ट को साजिश के तहत कैंसिल किया गया। इसके बाद जनवरी में ट्रांसफर को इच्छुक टीचर्स से आवेदन मांगा गया। इसके बाद बीस मार्च को लिस्ट जारी कर दी गयी। कहा गया कि जिन्हें भी कोई आपत्ती है वे दावा कर सकते हैं। लेकिन टीचर्स का कहना है कि हमलोगों ने जो भी गलती सुधार करने को कहा था वो सुधारी ही नहीं गयी। वहीं बचनदेव कुमार कहते हैं कि एक दिन पहले वरियता सूचि में मेरा नाम क्क्ख् नंबर पे था। आज देख रहा हूं तो मेरा नाम क्9भ् नंबर पर है।

लेडीज को भी प्राथमिकता नहीं

रिक्तियों की जो लिस्ट निकाली गयी है उसमें डिसेबल और महिलाओं को भी प्राथमिकता नहीं दी गयी है। ऐसे कई ब्लाइंड टीचर मिलर हाई स्कूल पहुंचे। लेकिन उन्हें भी वरियता सूची में तबज्जो नहीं दी गयी। यह लिस्ट फ्ब् हजार भ्ब्0 के कोटे में बहाल टीचर्स के लिए निकाली जानी थी। साथ ही इसी कोटे के टीचर्स की ट्रांसफर पोस्टिंग भी करनी है। लेकिन टीचर्स ने कहा कि इसके अतिरिक्त दूसरे टीचर्स की भी ट्रांसफर पोस्टिंग की गयी है।

टीचर्स का आरोप गलत है। गलत कुछ भी नहीं हो रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने काउंसलिंग के काम में बाधा पहुंचाया। उर्दू में क्7म् अवेदक हैं और वेकेंट सीट मात्र ग्यारह है। ऐसे केई केसेस हैं। प्रिंसिपल सेक्रेटरी को काउंसलिंग के लिए एक और डेट के लिए लिखा है। जो होगा जेन्यून तरीके से होगा।

-चंद्रशेखर कुमार, डीईओ, पटना

ट्रांसफर में व्यापक पैमाने पर रिश्वतखोरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने जिस वरियता को निर्धारित किया था उसे भी डीईओ और डीपीओ ने तोड़ दिया है। पैसे ले लेकर लोगों का ट्रांसफर किया गया है। अभी उन्हीं टीचर्स का ट्रांसफर होना था जो ख्0क्ख् में बहाल हुए थे। लेकिन अन्य टीचर्स का भी ट्रांसफर किया गया है।

-नंदकिशोर ओझा, अध्यक्ष, बिहार राज्य शिक्षक महासंघ

मैं पटना सिटी में रहता हूं। मुझे दनियावां पढ़ाने जाना पड़ता है। पिछले साल से अधिकारियों को ट्रांसफर करने को कह रहा हूं्। लेकिन अबतक नहीं हुआ है।

-विजय प्रसाद, ब्लाइंड टीचर

ऑफिसर को कहते-कहते थक गया। लेकिन मेरा ट्रांसफर नहीं हुआ। पूरा परिवार पटना में है और रोज बाढ़ पढ़ाने जाता हूं।

-डा विनय कुमार, ब्लाइंड टीचर

भारी अनियमितता है लिस्ट में। मैं सामान्य कोटी में था लेकिन लिस्ट में मेरा नाम उर्दू कोटे में है। अधिकारियों का जैसे मन किया लिस्ट बना दी।

-महबूब आलम, टीचर