केस वन - बरेली के पुराना शहर निवासी जयदीप सिंह लॉ स्टूडेंट हैं। उन्होंने दशमेत्तर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था। आवेदन की कॉपी डॉक्यूमेंट समेत सबमिट की थी। लेकिन चेकिंग के बाद ऑनलाइन आवेदन में फेल दिखा रहा है। जबकि वह पास हैं। जिसके चलते छात्रवृत्ति से उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है।

केस टू - बरेली के सीबीगंज निवासी पीजीडीसीए स्टूडेंट संध्या ने भी लास्ट इयर छात्रवृत्ति का आवेदन किया था। सबमिशन के समय स्टेटस पास था। लेकिन आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया। रिजेक्शन के बाद जब उन्होंने दोबारा ऑनलाइन आवेदन का स्टेट्स चेक किया तो वह फेल मिला।

BAREILLY:

यह केस तो महज बानगी भर हैं। इसी तरह करीब डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र ऐसे हैं, जो मैन्युअली यानि ऑफलाइन पास हैं लेकिन ऑनलाइन आवेदन के स्टेट्स में फेल कर दिए गए हैं। जिससे उनकी स्कॉलरशिप रिजेक्ट कर दी गई है। संबंधित समस्या को लेकर स्टूडेंट्स समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन दिन भर विभाग में खड़े रहने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि विभाग भी मान रहा है कि इस खामी में स्टूडेंट की कोई गलती नहीं है। बावजूद इसके विभाग गैरजिम्मेदराना रवैया अपनाए हुए है।

टेक्निकल खामी से हुए फेल

आवेदनों की संख्या के आधार पर करीब डेढ़ सौ स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन आवेदन के स्टूडेंट्स में फेल होने की शिकायत की है। समाज कल्याण अधिकारी के मुताबिक आवेदन के दौरान स्टूडेंट्स के स्टेटस में 'पास रिकॉर्ड हुआ, लेकिन किसी टेक्निकल खामी की वजह से स्टेटस फेल हो गया है। जो शासन स्तर से हुई है। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स का स्टेटस फेल दिखा रहा है, उनकी स्कॉलरशिप शासन ने जारी नहीं की है। जिसके चलते स्टूडेंट्स विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अधिकारियों ने टेक्निकल खामी से डेढ़ सौ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति रिजेक्ट होने की संभावना जताई है।

लगवा रहे चक्कर

समाज कल्याण विभाग पहुंच रहे स्टूडेंट्स के मुताबिक अधिकारी और कर्मचारी विभाग और स्कूल के चक्कर लगवा रहे हैं। जिसके चलते उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। स्टूडेंट शिखा ने बताया कि करीब माह भर पहले फेल होने की शिकायत की थी। इस पर अधिकारी ने संबंधित कॉलेज से सत्यापित मार्कशीट जमा करने की बात कही। सत्यापित मार्कशीट जमा करने पहुंचे तो अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी से सत्यापित मार्कशीट लाने के निर्देश दिए। वहां से भी स्टूडेंटूस ने दौड़-भाग कर सत्यापित मार्कशीट ले आए, तो इस माह भर की दौड़ भाग के बाद अब अधिकारी शासन स्तर से खामी होने की बात स्वीकार कर आवेदन को रिजेक्ट बता रहे हैं।

शासन स्तर से टेक्निकल खामी होने से स्टूडेंट्स का ऑनलाइन आवेदन स्टेट्स फेल दिखा रहा है। जिसके चलते छात्रवृत्ति रिजेक्ट कर दी गई है। शासन को मामले से सूचित करा दिया है।

एके सिंह, समाज कल्याण अधिकारी