-आईआईटी बीएचयू के इंस्टीट्यूट डे व टेक्नो फेस्ट 'टेक्नेक्स-2018' का हुआ उद्घाटन

-समारोह में इजरायल की नोबल पुरस्कार विजेता एडा योनाथ स्टूडेंट्स से बतौर चीफ गेस्ट हुई मुखातिब

VARANASI

आईआईटी बीएचयू के एनुअल टेक्नो फेस्ट 'टेक्नेक्स-2018' व इंस्टीट्यूड डे का शनिवार को उद्घाटन हुआ। स्वतंत्रता भवन में हुए समारोह में बतौर चीफ गेस्ट 2009 में इजरायल की नोबल पुरस्कार विजेता एडा योनाथ ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि कोई भी क्षेत्र हो उसमें परिणाम कभी पूरे नहीं होते हैं। हमेशा नये प्रयोग करते रहना चाहिए। स्ट्रक्चर एण्ड फंक्शन ऑफ राइबोसोम पर बेहतरीन काम करने वाली डॉ। एडा ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों और मेधाओं की पूरे विश्व में धाक है। उन्होंने देशभर के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों से आए स्टूडेंट्स से अपने बचपन और छात्र जीवन के अनुभवों को साझा किया। कहा कि चुनौतियों से कभी हार नहीं मानना चाहिए बल्कि उसे अवसर मानना चाहिए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनायक मराठे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आईआईटी के डायरेक्टर प्रो। राजीव संगल ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो। बीएन राय सहित अनेक सीनियर प्रोफेसर मौजूद थे।

फ्यूचर कार की खूब लगी दौड़

बीएचयू के राजपूताना हॉस्टल ग्राउंड में फ्यूचर कार लोगों का खास आकर्षण रही। नाइट्रो मैथोनाल से चल रही इस कार को देखने के लिए काफी दर्शक जमा हुए थे। प्रतियोगिता में 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं। खास बात यह रही कि यह फ्यूचर कार रास्ते की हर बाधा को बड़ी आसानी से पार कर ले रही थी। कारों में स्पीड, कंट्रोल और मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कारों की डिजाइन भी खास थी। जिसमें मजबूती के साथ सुंदरता का भी खास ध्यान रखा गया था। इसके अलावा एयर शो व साइकिल स्टंट शो जैसे कई मनोरंजक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ जिसे देख दर्शक हैरत में पड़ गये।

एक यूनिट में 264 किमी की दौड़

आईआईटी बीएचयू के 25 स्टूडेंट्स की टीम ने अलटर्नो वर्जन 4.0 कार बनाई है। खासियत यह है कि एक यूनिट बिजली की खपत पर यह 264 किलोमीटर की दूरी तय करती है। टेक्नेक्स में इस कार का भी प्रदर्शन किया गया। अभी इसमें एक व्यक्ति बैठ सकता है। सिंगापुर में आठ से 11 मार्च तक शेल इको मैराथन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें यह कार भी बीएचयू का प्रतिनिधित्व करेगी। टीम के सदस्यों का कहना है कि अगर सिंगापुर में इसने बाजी मार ली तो बिजली से चलने वाली कारों का रास्ता खुल जाएगा।