- लोगों ने शव को सड़क पर रखकर घंटों लगाए रखा जाम

- पुलिस ने जाम खुलवाने की कोशिश की तो हो गई पुलिस से ग्रामीणों की नोकझोक

- मुआवजे की मांग को लेकर घंटों लगाए रखा लोगों ने जाम

- पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शांत कराया मामला

<- लोगों ने शव को सड़क पर रखकर घंटों लगाए रखा जाम

- पुलिस ने जाम खुलवाने की कोशिश की तो हो गई पुलिस से ग्रामीणों की नोकझोक

- मुआवजे की मांग को लेकर घंटों लगाए रखा लोगों ने जाम

- पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शांत कराया मामला

Meerut: meerut@inext.co.in

Meerut: मवाना रोड पर सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंचौली थाना एरिया के मवाना-नंगली ईशा मार्ग पर प्राइवेट बस की चपेट में आने से किशोर की मौत हो गई। चालक बस को मवाना खुर्द चौकी पर छोड़कर फरार हो गया। इस दौरान गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर हंगामा खड़ा कर दिया है। तीन घंटे तक सड़क पर रखकर मुआवजा और स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग रखी। आश्वासन के बाद ही मामला शांत हो सका।

मौत के बाद हंगामा

शुभम पुत्र मनोज निवासी नंगली ईशा ग्राम उम्र क्ब् वर्ष गांव के ही गोल्डन पब्लिक स्कूल में कक्षा नौ का छात्र था। शुभम छोटा मवाना पर सड़क किनारे उपले लेकर साइकिल पर वापस घर जा रहा था। जैसे ही नंगला ईशा गांव के पास पहुंचा तो मेरठ से बिजनौर जाने वाली प्राइवेट बस ने शुभम को कुचल दिया, जिससे शुभम की मौके पर ही मौत हो गई। जैसे ही इसकी जानकारी ग्रामीणों को पता लगी तो वे आक्रोशित हो गए। गांव से टैक्टर टाली लेकर लोग मेन रोड पर आ गए, सड़क पर जाम लगाकर हंगामा खड़ा कर दिया।

तीन घंटे तक जाम

सूचना पर पहुंची इंचौली थाना पुलिस ने शव कब्जे में लेने का प्रयास किया तो ग्रामीण भड़क उठे तथा मुआवजा नहीं मिलने तक शव को हाथ नही लगाने की चेतावनी देने लगे। इसी बीच जाम की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसडीएम मवाना अरविंद कुमार व सीओ सदर देहात शिवराज सिंह ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और पुलिस प्रशासन के खिलाफ सड़क पर नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। ग्रामीणों की मांग थी कि पीडि़त परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, गांव की जमीन में एक पट्टा, सड़क पर स्पीड ब्रेकर और आरोपी चालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। तीन घंटे लगे जाम के दौरान इंचौली पुलिस और सीओ से ग्रामीणों की तीखी नोकझोक भी हुई। तीन घंटे हंगामे और जाम के बाद जब एसडीएम ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतक आश्रितों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और जाम खोला।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

जाम खुलने के बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल भेज दिया। वहीं दूसरी ओर सड़क पर लगे जाम से लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। जाम के दौरान मवाना, हस्तिनापुर, फलावदा आदि आधा दर्जन थानों की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रही। मृतक के पिता ने आरोपी बस चालक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

शव से लिपट बेहोश हुआ पिता

शुभम के पिता मनोज पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे की मौत की खबर सुनते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। दरअसल मनोज अभी पिछले वर्ष बीमारी से हुई अपनी बड़ी बेटी की मौत का सदमा भुला भी नहीं पाया था कि मंगलवार को दुर्घटना में ही शुभम की मौत ने उसे एक ओर गहरा जख्म दे दिया। जिस समय दुर्घटना हुई वह मजदूरी करने गया हुआ था। बेटे की मौत के बाद दुर्घटना स्थल पहुंचा तो अपने बेटे के शव से लिपट कर रोते-रोते मनोज बेहोश हो गया। अब मनोज के चार बच्चों में से एक बेटा और एक बेटी है।

चालक के खिलाफ मुकदमा कायम कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पीडि़त की मांग थी कि दस लाख रुपये मुआवजा दिया जाए, एसडीएम ने पांच लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से दिलाने का आश्वासन दिया है। पोस्टमार्टम के लिए शव भेज दिया गया है।

शिवराज सिंह

सीओ

सदर देहात