- टिहरी झील से छोड़े जाने वाली पानी की मात्रा की गई आधी

- पहले 550 क्यूमेक्स छोड़ा जा रहा था पानी, अब किया 250 क्यूमेक्स

- हरिद्वार जिला प्रशासन ने किया था टिहरी डैम प्रशासन से आग्रह

NEW TEHRI: पहाड़ों में लगातार हो रही झमाझम बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में फिलहाल एक राहत की बात यह है कि प्रशासन के निर्देशों के बाद टिहरी झील से छोड़े जाने वाली पानी की मात्रा फिलहाल आधी कर दी गई है ताकि निचले क्षेत्रों में जलभराव का खतरा न हो। टिहरी झील से सामान्य दिनों में भागीरथी नदी में भ्भ्0 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाता था, जिसे घटाकर ख्भ्0 क्यूमेक्स कर दिया गया है।

निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा टला

बारिश के कारण पहले ही अलकनंदा, भागीरथी सहित अन्य नदियां अपने पूरे उफान पर हैं। ऐसे में टिहरी झील से भी भ्भ्0 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाता तो हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा था। इस खतरे को भांपते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने टिहरी डैम प्रशासन से भागीरथी नदी में झील से कम पानी छोड़ने का आग्रह किया था, जिसे डैम प्रशासन ने मान लिया है और छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा आधी कर दी है।

भ् दिन में भ् मीटर बढ़ा जलस्तर

पिछले कई दिनों से पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को टिहरी झील का जलस्तर 80भ्.ख्भ् दर्ज किया गया, जबकि तीन अगस्त को झील का जलस्तर 800 मीटर था। महज भ् दिनों में झील का जलस्तर भ् मीटर तक बढ़ा है। तेजी से बढ़ते जलस्तर के चलते बांध से भ्भ्0 क्यूमेक्स पानी नदी में छोड़ा जा रहा था, जिससे ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा था। इस पर रविवार को हरिद्वार जिला प्रशासन ने लक्सर क्षेत्र में बाढ़ के खतरे का हवाला देते हुए टिहरी आपदा नियंत्रण कक्ष को फोन पर टीएचडीसी बांध से कम पानी छोड़े जाने का आग्रह किया। टिहरी जिला प्रशासन ने टीएचडीसी अधिकारियों को बांध से थोड़ा पानी रोकने और कम पानी छोड़ने के निर्देश दिए। इसके बाद टिहरी बांध के अधिकारियों की ओर से अब भ्भ्0 की जगह ख्भ्0 क्यूमेक्स ही पानी भागीरथी नदी में छोड़ा जा रहा है। टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि लक्सर में बाढ़ के खतरे को देखते हुए टिहरी बांध से पानी कम छोड़ने के निर्देश दिए गए।