PATNA : उप मुख्यमंत्री तेज प्रताप के पटना के बाइपास स्थित पेट्रॉल पंप को रद्द करने के जारी आदेश पर अदालत द्वारा लगाई गई रोक की अवधि बढ़ा दी गई है। अदालत ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के आदेश पर क्म् जून को अंतरिम रोक लगाई थी। सब-जज शची मिश्रा ने शुक्रवार को इस अंतरिम रोक की अवधि को बढ़ा कर क्भ् जुलाई कर दिया है। इस आदेश के बाद अब उप मुख्यमंत्री के पेट्रोल पंप क्भ् जुलाई तक पेट्रोल और डीजल की खरीद-बिक्री होती रहेगी।

वहीं भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के प्रादेशिक प्रबंधक (रिटेल) मनीष कुमार की ओर से अदालत में अदालत द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल कर दिया गया। अदालत ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन द्वारा दिये गए जवाब का रिज्वाइंडर दाखिल करने का निर्देश उप मुख्यमंत्री को दिया। उप मुख्यमंत्री को क्भ् जुलाई तक रिज्वाइंडर दाखिल करना है।

भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन द्वारा दाखिल कारण बताओ नोटिस के जवाब में कहा गया है कि यह मुकदमा वर्तमान समय में पटना सिविल कोर्ट में चलने योग्य (पोषणीय) नहीं है। और ना ही वर्तमान समय में वादी द्वारा दायर मुकदमा को सुनने का अधिकार अदालत को नहीं है। इतना ही नहीं वादी को भी मुकदमा में बीपीसी के आदेश के खिलाफ किसी प्रकार का अंतरिम राहत मांगने का अधिकार नहीं है। क्योंकि बीपीसी ने वादी (तेज प्रताप) को ख्9 मई ख्0क्7 को पेट्रोल पंप रद्द कर दिये जाने का नोटिस थमा दिया था।

बीपीसी ने आगे सवाल उठाया कि जब वादी ने नोटिस ले लिया तब उन्हें विवाद को हल कराने के लिये मध्यस्थता के लिये मध्यस्थ (पंच) के पास जाना चाहिये क्योंकि ऐसा की करार वादी और प्रतिवादी के बीच हुआ है। पंच को इस संबंध में निर्णय लेने का और किसी प्रकार का निर्देश देने का पहला अधिकार है। ऐसे मामले में अपेक्स कोर्ट भी कई निर्णय दे चुका है। बीपीसी ने तेज प्रताप के साथ हुए करार (एमओयू) की कॉपी भी कारण बताओ नोटिस के जवाब के साथ अदालत में दाखिल किया है।