वॉयस और डेटा में रेट बढ़ाएंगी
जानकारी के मुताबिक भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ये कंपिनयां ऑपरेटर वॉयस रेट को थोड़ा बढ़ाने की योजना कर रही हैं.  हालांकि मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ती डिमांड के चलते सस्ता हो सकता है. इसके अलावा रिलायंस, टाटा टेलीसर्विसेज, एयरसेल, सिस्टेमा और यूनिनॉर 8.8 पैसे से 13 पैसे तक वॉयस और डेटा में रेट बढ़ाएंगी. जिसमें सरकार दूरसंचार कंपनियों पर हाल ही में स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रभाव का प्रति मिनट 1.3 पैसे का अनुमान लगा रही है. केपीएमजी कंपनी के टेलीकॉम प्रैक्टिस हेड रोमल शेट्टी ने कहा, 'टेलीकॉम रेट बढ़ेंगे, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. ऑपरेटर अचानक कीमतें बढ़ाकर कंज्यूमर को खोना नहीं चाहेंगे.' इसलिये वे इस योजना को बहुत ही सहूलियत से लागू करने पर विचार विमर्श कर रही हैं.

हैडलाइन टैरिफ को बदलना मुश्किल
वहीं इस मामले में कुछ टेलीकॉम कंपनियों के वरिष्ठ एग्जीक्यूटि्व ने बताया कि अब कम से कम एक साल तक हैडलाइन टैरिफ को बदलना मुश्किल होगा. हैडलाइन टैरिफ प्रोडक्ट का अधिकतम रिटेल प्राइस होता है. डिस्काउंटेड टैरिफ प्लान सीमित समय के लिए होते हैं, जैसे- तीन सेकेंड के लिए एक पैसा और एक गीगाबाइट डेटा डाउनलोड के लिए 10 पैसा. इस बारे में सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के निदेशक रंजन मैथ्यूज ने बताया कि  "कम से कम अगले 10 से 12 माह तक स्पेक्ट्रम के ऊंचे दामों के लिए टैरिफ नहीं बढ़ाए जाएंगे, लेकिन हां बढ़ती महंगाई जैसे अन्य कारणों से टैरिफ बढ़ाए जा सकते हैं. इसके लिये कुछ कंपनियां प्लान कर रही हैं.





वॉयस और डेटा में रेट बढ़ाएंगी
जानकारी के मुताबिक भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ये कंपिनयां ऑपरेटर वॉयस रेट को थोड़ा बढ़ाने की योजना कर रही हैं.  हालांकि मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ती डिमांड के चलते सस्ता हो सकता है. इसके अलावा रिलायंस, टाटा टेलीसर्विसेज, एयरसेल, सिस्टेमा और यूनिनॉर 8.8 पैसे से 13 पैसे तक वॉयस और डेटा में रेट बढ़ाएंगी. जिसमें सरकार दूरसंचार कंपनियों पर हाल ही में स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रभाव का प्रति मिनट 1.3 पैसे का अनुमान लगा रही है. केपीएमजी कंपनी के टेलीकॉम प्रैक्टिस हेड रोमल शेट्टी ने कहा, 'टेलीकॉम रेट बढ़ेंगे, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. ऑपरेटर अचानक कीमतें बढ़ाकर कंज्यूमर को खोना नहीं चाहेंगे.' इसलिये वे इस योजना को बहुत ही सहूलियत से लागू करने पर विचार विमर्श कर रही हैं.

 

हैडलाइन टैरिफ को बदलना मुश्किल
वहीं इस मामले में कुछ टेलीकॉम कंपनियों के वरिष्ठ एग्जीक्यूटि्व ने बताया कि अब कम से कम एक साल तक हैडलाइन टैरिफ को बदलना मुश्किल होगा. हैडलाइन टैरिफ प्रोडक्ट का अधिकतम रिटेल प्राइस होता है. डिस्काउंटेड टैरिफ प्लान सीमित समय के लिए होते हैं, जैसे- तीन सेकेंड के लिए एक पैसा और एक गीगाबाइट डेटा डाउनलोड के लिए 10 पैसा. इस बारे में सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के निदेशक रंजन मैथ्यूज ने बताया कि  "कम से कम अगले 10 से 12 माह तक स्पेक्ट्रम के ऊंचे दामों के लिए टैरिफ नहीं बढ़ाए जाएंगे, लेकिन हां बढ़ती महंगाई जैसे अन्य कारणों से टैरिफ बढ़ाए जा सकते हैं. इसके लिये कुछ कंपनियां प्लान कर रही हैं.

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