-इलेक्शन कमीशन ने जिला प्रशासन से मांगा लाइसेंसी हथियार खरीदने-बेचने का ब्यौरा

- रिकॉर्ड के मुताबिक, मंडल में सबसे ज्यादा शस्त्र खरीद व कारतूसों का प्रयोग कानपुर में

KANPUR : विधानसभा चुनाव के पहले इलेक्शन कमीशन के एक सवाल ने प्रशासन के अफसरों की परेशानी को बढ़ा दिया है। इलेक्शन कमीशन ने सवाल किया है कि कानपुर डिस्ट्रिक्ट में कितने असलहों के लाइसेंस हैं, साथ ही अस्त्र और बारूद बेचने वालों की कितनी संख्या है। इस आदेश को पाते ही अब प्रशासन सारे आंकड़े जुटाने में जुट गया है।

सेंसेटिव शहरों में कानपुर

इलेक्शन कमीशन का मानना है कि कानपुर अधिक सेंसेटिव शहरों में एक है। यहां हथियार के लाइसेंस की तादाद और अस्त्र की दुकानों की संख्या अन्य शहरों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। सबसे ज्यादा कारतूसों का प्रयोग करने वाले शहरों में कानपुर पहले स्थान पर है। इसके अलावा बीते पांच साल में यहां शस्त्र, कारतूस आदि की बिक्री भी खूब हुई है।

प्रशासन नोिटस भेज रहा

इलेक्शन कमीशन ने सभी अस्त्रधारक के लाइसेंस व अस्त्र के दुकानदारों का पूरा विवरण मांगा है। इस आदेश के बाद प्रशासन इन सभी को नोटिस भेज रहा है। अफसर यह भी देखेंगे कि किन दुकानों से ज्यादा मात्रा में अस्त्र व कारतूस बेचे गए। इसके अलावा कितने लाइसेंस होल्डर्स ने अधिक कारतूस खरीदे।

आयुध फैक्ट्रियों ने ब्योरा भेजा

हालांकि प्रशासन रक्षा मंत्रालय के सहयोग से इन सभी बिन्दुओं पर पूरा ब्योरा पहले ही मंगा चुका है। आयुध फैक्ट्रियों ने कानपुर को कितने अस्त्र और कारतूसों की बिक्री की है, इसका पूरा ब्योरा भेज दिया है। रक्षा मंत्रालय में आयुध निर्माणी डिवीजन के असिस्टेंट व‌र्क्स मैनेजर शैकी रस्तोगी ने शस्त्र डीलरों ने क्या खरीददारी की है, इस सम्बंध में डीएम को पत्र भेजा है।

'सभी शस्त्र कारोबारियों के यहां छानबीन शुरू कर दी गई है। सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम कार्रवाई कर रहे हैं। यह एक रुटीन जांच हो रही है'

कौशलराज शर्मा, डीएम कानपुर नगर